आलू व्यवसायी के वफादार की बंगाल में हत्या, शव को तेजाब से नहलाया

मसानजोर में एक सितंबर को जिस आलू व्यवसायी के 40 लाख रुपये चालक और खलासी ने हड़पने की कोशिश थी बीते रविवार को उस व्यवसायी के एक सहयोगी की अपराधियों ने हत्या कर दी। इसके बाद शव को जला दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 06:28 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 05:15 AM (IST)
आलू व्यवसायी के वफादार की बंगाल में हत्या, शव को तेजाब से नहलाया
आलू व्यवसायी के वफादार की बंगाल में हत्या, शव को तेजाब से नहलाया

संवाद सहयोगी, जामा: मसानजोर में एक सितंबर को जिस आलू व्यवसायी के 40 लाख रुपये चालक और खलासी ने हड़पने की कोशिश थी, बीते रविवार को उस व्यवसायी के एक सहयोगी की अपराधियों ने हत्या कर दी। इसके बाद शव को जला दिया। बताया जाता है कि जामा अगोइया गांव निवासी 45 वर्षीय मुनेश्वर राय ने आलू व्यवसायी उत्तम भगत को कथित लूट के कुछ देर बाद ही इसकी सूचना दे दी थी। उसी दिन मामले का खुलासा हो गया और पुलिस ने लूट की साजिश रचनेवाले चालक-खलासी को जेल भी भेज दिया, लेकिन मुनेश्वर को वफादारी की सजा भुगतनी पड़ी। अपराधियों ने रविवार को मोहम्मद बाजार से पहले जंगल के पास उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को तेजाब डालकर जला दिया। मंगलवार की रात पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव लाया गया। बुधवार को गांव में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

हत्याकांड के एक सप्ताह बाद ही घर आए थे दो लोग: मुनेश्वर की पत्नी मंजू देवी ने बताया कि एक सितंबर को सेंतिया के आलू व्यवसायी के 40 लाख रुपये हड़पने की साजिश चालक निशा बागधी व खलासी विधान बागधी ने रची थी। मसानजोर के झाझापाड़ा के पास दोनों ने सांठगांठ कर सारा पैसा रख लिया था और पुलिस को लूट की फर्जी कहानी सुना दी। बताया कि मुनेश्वर को सुबह में ही इस कथित लूट का पता चल गया था और उसने व्यवसायी को सूचना दे दी थी। मंजू ने बताया कि उसका पति व्यवसायी का वफादार था। वह कई साल से उसी व्यवसायी के साथ काम कर रहा था। बीते रविवार को भी पति सेंतिया स्थित डेरा से साइकिल से ही आलू व्यवसायी के पास काम पर जा रहा था। इसी दौरान मोहम्मद बाजार के पास अपराधियों ने हत्या करने के बाद शव को तेजाब डालकर जला दिया।

महिला ने बताया कि चालक-खलासी के जेल जाने के एक सप्ताह बाद बाइक सवार दो लोग घर आए थे और अगले दिन चले गए। दोनों ने पति से लूटकांड के बारे में जानकारी भी ली। पूरा संदेह है कि गिरफ्तारी के डर से उन लोगों ने पति की हत्या कर दी। मुनेश्वर राय के दो जुड़वा पुत्र और एक लड़की भी है। घर की माली हालत इतनी खराब थी कि ग्रामीणों एवं स्थानीय लोगों ने चंदा एकत्र कर शव को बंगाल से घर वापस मंगाया और आर्थिक रूप से मदद कर शव का अंतिम संस्कार किया। मंगलवार की शाम को पोस्टमार्टम के बाद शव गांव लाया गया।

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