बासुकीनाथ में सावन का महीना.. बेरोजगारी मचाए शोर

रूपेश झा लाली बासुकीनाथ ( दुमका ) बाबा भोलेनाथ की नगरी बासुकीनाथ के लिए सावन समृद्धि का म

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:57 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:57 PM (IST)
बासुकीनाथ में सावन का महीना.. बेरोजगारी मचाए शोर
बासुकीनाथ में सावन का महीना.. बेरोजगारी मचाए शोर

रूपेश झा, लाली, बासुकीनाथ ( दुमका ): बाबा भोलेनाथ की नगरी बासुकीनाथ के लिए सावन समृद्धि का माह होता है। इसलिए यहां रहने वाले चाहे पंडा समाज और व्यवसायी वर्ग के बीच कहावत प्रचलित है- सावन-भादो कमाइए, साल भर खाइए। अब कोरोना के कारण यह धारणा खत्म हो गई है। पिछले साल की तरह इस बार भी यहां सावन में समृद्धि के बजाय बेकारी का शोर है। श्रावणी मेला नहीं लगा इसलिए लाखों श्रद्धालुओं से गुलजार रहने वाला बाबानगरी वीरान है। नतीजतन पंडा-पुरोहित, दुकानदार, फुलधरिया, निजी वाहन मालिक, होटल संचालक बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। ये लोग बाबा बासुकीनाथ से गुहार लगा रहे हैं। कहते हैं कि हे भोलेनाथ अब आपका सहारा है। कोरोना के संक्रमण से देश को उबारिए। रोटी का प्रबंध कीजिए।

विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में सावन-भादो समेत सालभर में अमूमन 60 से 70 लाख भक्त पहुंचते हैं। यहा पेड़ा का कारोबार करीब 25 करोड़ रुपये, प्रसादी इलायची दाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के चूड़ा का कारोबार करीब 20 करोड़ रुपये, खिलौना का कारोबार करीब 10 करोड़ रुपये, भागलपुरी चादर, बास से बनी सामग्री, विभिन्न प्रकार के आचार आदि का कारोबार भी करीब 25 करोड़ रुपये से ऊपर का है। बासुकीनाथ मेला क्षेत्र में करीब 250 छोटी-बड़ी स्थायी दुकानें हैं। श्रावणी और भादो मेला के दौरान यहा दुकानों की संख्या एक हजार से अधिक हो जाती है। श्रद्धालुओं के नहीं आने से टोटो, आटो, टेंपो व बस संचालक, मेला क्षेत्र में स्थाई और अस्थाई भोजनालय समेत विभिन्न प्रकार के रेस्ट हाउस से जुड़े कर्मी बेरोजगार बैठे हुए हैं। बासुकीनाथ मेला क्षेत्र के नौजवान भी दो महीनों के लिए अस्थायी रोजगार से जुड़ कर भी सावन भादो माह में अच्छी कमाई कर लेते थे, लेकिन पिछले दो साल से युवाओं से लेकर कारोबारियों तक बेकार हैं। पंडा समाज व व्यवसायियों ने सरकार से आर्थिक पैकेज के लिए गुहार लगाई है।

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काफी समय से बासुकीनाथ मंदिर बंद है। यजमान नहीं आने से मंदिर में श्रद्धालुओं के धार्मिक कार्यों के संपादन पर रोक है। हमारी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है। बासुकीनाथ मंदिर बंद रहने से बासुकीनाथ मंदिर से जुड़े पंडा-पुरोहित, फुल-प्रसादी दुकानदार व स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है। यह मेला सिर्फ पंडा पुरोहित ही नहीं बल्कि बासुकीनाथ की सभी वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक रूप से अत्यंत आवश्यक है।

काली बाबा, युवा पुरोहित बासुकीनाथ मंदिर

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वर्तमान समय में बासुकीनाथ मंदिर बंद रहने से बासुकीनाथ मंदिर के भरोसे रहने वाले पंडा पुरोहित, वैदिकाचार्य, पंडा के सहयोगी गुमास्ता व स्थानीय दुकानदार, रिक्शा, टेंपो चालक, फल सब्जी विक्रेता व सभी वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। सरकार को पंडा पुरोहित समाज को यथाशीघ्र आर्थिक पैकेज देना चाहिए।

विश्वम्भर पत्रलेख उर्फ पप्पू पंडा, बासुकीनाथ मंदिर

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. अपने जीवन में लगातार दूसरे वर्ष ऐसा देखा। श्रावण मास में बाबा मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक है। कोरोना के कारण भक्तों को मंदिर में पूजा करने पर पाबंदी लगा दी गई है। इससे हमें आर्थिक रूप से काफी क्षति हो रही है। बासुकीनाथ मंदिर के भरोसे रहने वाले सभी वर्ग के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सरकार इस दिशा में अविलंब पहल करें।

मनोज मिश्रा, सहयोगी गुमास्ता बासुकीनाथ मंदिर

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श्रद्धालुओं के आगमन व दर्शन पूजन पर पूर्ण प्रतिबंध है। यहां के लोग श्रावण और भादो महीने के भरोसे रहते है। लगातार दूसरे वर्ष श्रावणी मेला नही लगने से यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गयी है। सरकार को इस दिशा में सकारात्मक पहल करनी चाहिए।

पिटू बाबा, सहायक गुमास्ता बासुकीनाथ मंदिर

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भक्तों से बासुकीनाथ की प्रसिद्ध पेड़ा गली, चूड़ी गली सालों भर गुलजार रहती थी। लेकिन लंबे समय से इन जगहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। पेड़ा गली, चूड़ी गली के दुकानदार ही नहीं बल्कि पूरे बासुकीनाथ के दुकानदार त्राहिमाम कर रहे हैं। लंबे समय से व्यवसाय ठप रहने से आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है।

मंटू साह, पेड़ा गली दुकानदार

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सारी आर्थिक गतिविधियों का संचालन बाबा बासुकीनाथ मंदिर के भरोसे ही होता है। बासुकीनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के आगमन व पूजन दर्शन पर प्रशासन के द्वारा रोक लगा दी गई है। जिसके कारण यहां मंदिरों से लेकर मेला क्षेत्र व दुकानों में वीरानी छाई हुई है। श्रावणी मेला से हम सबों को काफी उम्मीदें रहती है। लेकिन इस वर्ष श्रावणी मेला भी नहीं लग सका है। आगे जो बाबा बासुकीनाथ की मर्जी हो वह हमें मंजूर है।

प्रेम मिश्रा, बासुकीनाथ

------------------------ . लंबे समय से बासुकीनाथ मंदिर बंद है। रही-सही श्रावणी मेले से जो आश थी अब वह भी खत्म हो गई। बाबा बासुकीनाथ से प्रार्थना करते हैं कि जल्द से जल्द कोरोना वायरस के महामारी का अंत हो और बाबा बासुकीनाथ के मंदिर के कपाट आम भक्तों के लिए खुले। ताकि यहां मंदिर व बाजार में फिर से रौनक आ सके।

अजय पांडेय, सहायक गुमास्ता

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. क्षेत्र के लोगों की रोजी-रोटी पूरी तरह से बाबा बासुकीनाथ के भरोसे है। लंबे समय से बासुकीनाथ मंदिर बंद है। श्रद्धालुओं का आवागमन नगण्य है। इससे यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है। बाबा बासुकीनाथ से प्रार्थना है कि वह जल्द से जल्द स्थिति सामान्य करें, ताकि लोगों को राहत मिल सके।

बमबम पांडेय, सहायक गुमास्ता बासुकीनाथ मंदिर

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