नवरात्र पर घर-मंदिर में विराजीं मां दुर्गा

जिले में दुर्गा पूजा के पहले दिन शहर में कई जगह से कलश यात्रा निकालकर मंदिरों में कलश स्थापित कयाि गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 09:48 PM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 09:48 PM (IST)
नवरात्र पर घर-मंदिर में विराजीं मां दुर्गा
नवरात्र पर घर-मंदिर में विराजीं मां दुर्गा

जिले में दुर्गा पूजा के पहले दिन शहर में कई जगह से कलश यात्रा निकालकर मंदिरों में कलश स्थापित किया गया। पूजन के साथ जिले में पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है।

सुबह से पहली पूजा को लेकर लोगों में गजब का उत्साह था। आसनसोल दुर्गा पूजा समिति ने इस बार 53 साल में पूजा को ढंग से मनाने का निर्णय लिया। सुबह सात बजे से गांव की महिलाएं व युवतियां कलशयात्रा में शामिल होने के लिए मंदिर में एकत्र हो गई। गाजे बाजे के साथ 121 कन्याओं ने यात्रा निकालकर पूरे गांव और आसपास का भ्रमण किया। यात्रा में शामिल सभी लोग मां के जयकारे लगा रहे थे। इसके बाद पुजारी मानिक कुमार झा ने विधि विधान के साथ मंदिर में कलश की स्थापना की। पुजारी ने बताया कि यहां पर 53 साल से पूजा हो रही है, लेकिन तीन साल से कलशयात्रा शुरू की गई है। नौ दिन आरती के अलावा चंडीपाठ किया जाएगा। कलशयात्रा में जगन्नाथ महतो, दिवाकर, पूजा, स्नेहा, दीपांकर महतो, मिथिलेश सिंह आदि शामिल थे।

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कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू

दुमका सहित आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र का अनुष्ठान शुरू हो गया है। धर्मस्थान और दुखहारिणी मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापना की गई। दुर्गा स्थान, धर्मस्थान सहित शहर के अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। पूजा स्थलों पर अब नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूप शैलपुत्री, ब्रह्माचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री का आह्वान कर पूजा अर्चना की गई। शहर का वातावरण वेद मंत्रों और श्लोकों के पाठ से श्रद्धा और भक्ति में डूब गया है।

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