ट्रेन की चपेट में आने से विक्षिप्त युवती की मौत

हंसडीहा-दुमका रेलखंड पर हथगड़ गांव स्थित रेलवे फाटक संख्या 35 के समीप सोमवार देर रात यात्री ट्रेन की चपेट में आने से विक्षिप्त युवती की मौत घटनास्थल पर हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:28 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 07:28 PM (IST)
ट्रेन की चपेट में आने से विक्षिप्त युवती की मौत
ट्रेन की चपेट में आने से विक्षिप्त युवती की मौत

संवाद सहयोगी, हंसडीहा (दुमका): हंसडीहा-दुमका रेलखंड पर हथगड़ गांव स्थित रेलवे फाटक संख्या 35 के समीप सोमवार देर रात यात्री ट्रेन की चपेट में आने से विक्षिप्त युवती की मौत घटनास्थल पर हो गई। मृतका की पहचान रामगढ़ प्रखंड के खुहटन गांव निवासी सुबल मंडल की 30 वर्षीय पुत्री नूतन कुमारी के रूप में की गई है। रेलवे ट्रैक पर शव देखे जाने से पहले दुमका-भागलपुर यात्री ट्रेन गुजरी थी। लोगों का मानना है उक्त ट्रेन की चपेट में आने से युवती की मौत हुई होगी। घटना की जानकारी मिलने पर हंसडीहा थाना के एसआइ उत्तम पासवान व अनुरंजन मिज पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और पंचनामा तैयार कर शव कब्जे में ले लिया।

मामले में हंसडीहा थाना प्रभारी आकृष्ट अमन ने कहा कि मृतका के भाई मिथलेश कुमार ने मंगलवार को थाना में आवेदन दिया है, जिसमें बताया है कि उसकी बहन की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। यूडी केस दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।

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रिश्तेदारों ने पोस्टमार्टम पर उठाए सवाल

मृत नूतन कुमारी की छोटी बहन के पति ज्योतिष मंडल ने पोस्टमार्टम पर ही सवाल उठाया है। गोड्डा निवासी ज्योतिष ने बताया कि दोपहर तीन बजे जब शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया तो उन्होंने आखिरी बार चेहरा दिखाने का अनुरोध किया। चेहरा देखकर अवाक रह गया। अधिकांश मामलों में डाक्टर शव का चेहरा व सीना चीरकर मौत का कारण जानने का प्रयास करते हैं, लेकिन ममता के साथ ऐसा कुछ नहीं किया गया। खानापूर्ति की गई है। बताया कि मृतका मानसिक रूप से बीमार थी। सोमवार को गंगवारा में हटिया लगती है। आशंका जताई कि युवती के साथ कुछ अनहोनी हुई है और बाद में शव को रेलवे ट्रैक के पास फेंक दिया गया। स्वजनों ने भी किसी तरह की आशंका व्यक्त नहीं की। बताया कि मृतका के साथ कुछ गलत हुआ है और परिवार वाले इस बात को दबाना चाहते हैं।

इधर ममता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल कालेज अस्पताल के डाक्टर रोहण का कहना है कि जरूरी नहीं है कि सभी शव की चीरफाड़ की जाए। मौत का कारण जानने के लिए जो आवश्यक था, उसे देखा गया है। जो भी पोस्टमार्टम के नाम पर खानापूर्ति का आरोप लगा रहे हैं, वह सरासर गलत है। मृतका से उनका कोई वास्ता तो नहीं था। बहुत से केस में केवल शव देखकर मौत का कारण पता चल जाता है।

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