पंजाब से खरीदा गया था शराब तस्करी में धराया ट्रक

दुमका के जामा थाना क्षेत्र के जरपुरा में 26 मई को की गई छापेमारी के दौरान जब्त एलपी ट्रक का मालिक इस मामले में गिरफ्तार बिहार के शेखपुरा निवासी मो. मुस्तफा खान है। मो. मुस्तफा ने यह एलपी ट्रक पंजाब के चंडीगढ़ के किसी शराब कारोबारी से खरीदा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:39 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:39 PM (IST)
पंजाब से खरीदा गया था शराब तस्करी में धराया ट्रक
पंजाब से खरीदा गया था शराब तस्करी में धराया ट्रक

जागरण संवाददाता, दुमका: दुमका के जामा थाना क्षेत्र के जरपुरा में 26 मई को की गई छापेमारी के दौरान जब्त एलपी ट्रक का मालिक इस मामले में गिरफ्तार बिहार के शेखपुरा निवासी मो. मुस्तफा खान है। मो. मुस्तफा ने यह एलपी ट्रक पंजाब के चंडीगढ़ के किसी शराब कारोबारी से खरीदा है। इसके बाद जामताड़ा जिला के परिवहन कार्यालय से मो. मुस्तफा खान ने इस ट्रक को अपने नाम पर ट्रांसफर करवा लिया। यह खुलासा उत्पाद विभाग के स्तर से की जा रही छानबीन में हुआ है।

नंबर प्लेट फर्जी: जांच में यह बात सामने आई है कि एलपी ट्रक का नंबर प्लेट बीआर 01 जेई 5340 फर्जी है। इस मामले में जामताड़ा जिला परिवहन कार्यालय ने उत्पाद विभाग को लिखित तौर पर जानकारी दी है कि ट्रक में जो नंबर अंकित है, वह फर्जी है क्योंकि परिवहन विभाग के पोर्टल पर इस नंबर की कोई गाड़ी नहीं दिख रही है, जबकि एलपी ट्रक के भीतर जो कागजात मिले हैं, उसमें नंबर पीबी 03 एन 1167 अंकित है और इसका मालिक अवैध शराब कारोबारी मुस्तफा खान है। मतलब यह कि मुस्तफा खान अपनी गाड़ी में फर्जी नंबर लगाकर बिहार में शराब भेजता था।

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बरामद स्प्रिट के इस्तेमाल की जानकारी ढूंढ रहा उत्पाद विभाग: जरपुरा स्थित अवैध शराब के अड्डे से बरामद तकरीबन एक करोड़ रुपये की अवैध शराब के अलावा भारी मात्रा में कच्चा स्प्रिट भी बरामद हुआ है। उत्पाद विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि गोदाम में या इसमें संलिप्त आरोपितों के किसी अन्यत्र ठिकाने पर कहीं देसी शराब तो नहीं बनाई जाती थी। विभाग को शक है कि शायद इसी उद्देश्य से इतने बड़े पैमाने पर कच्चा स्प्रिट स्टोर कर रखा गया था। विभाग यह भी टटोल रहा है कि अगर अवैध ढंग से देसी शराब बन रही थी तो इसकी खपत कहां होती थी।

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आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी में उत्पाद विभाग: 26 मई को बरामद शराब मामले में उत्पाद विभाग न्यायालय में 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी में है। इसको लेकर विभाग द्वारा साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उत्पाद विभाग की धारा 47-ए के अलावा और कई संज्ञेय धाराएं न्यायालय में दाखिल होनेवाले अंतिम आरोप पत्र में जुड़ने की संभावना है।

हाथ लगी कई अहम जानकारी: केस के जांच अधिकारी शिव सागर के मुताबिक, अभी तक की जांच में कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। अवैध शराब कारोबारियों के संबंधों की जानकारी भी मिली है। लोकल सिडिकेट का भी पता चला है। इसके अलावा जांच में यह पता चला है कि चंडीगढ़ से सीधे तौर पर यहां के शराब माफिया का कनेक्शन है। कहा कि फाइनल आरोप पत्र में इन सारी बिदुओं को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपित अमर मंडल की गिरफ्तारी को लेकर संभावित ठिकानों पर लगातार छापामारी की जा रही है। उत्पाद विभाग फरार आरोपित अमर मंडल के खिलाफ शीघ्रता से आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी में है।

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नशे के दो सौदागर को जेल, तीन की तलाश

जागरण संवाददाता, दुमका: नगर थाना की पुलिस ने 14 मार्च को जब्त प्रतिबंधित कफ सिरप के अवैध कारोबार में संलिप्त दो सौदागर हरणाकुंडी के सूरज गुप्ता और पटवारी गली के अनूप गुप्ता को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया। अब पुलिस इस अवैध कारोबार में शामिल दुमका के ही तीन लोगों की तलाश में जुटी है।

बुधवार को नगर थाना में पुलिस निरीक्षक देवव्रत पोद्दार ने बताया कि 14 मार्च को मामला दर्ज करने के बाद छानबीन शुरू की गई। सरायरोड में एक ट्रांसपोर्ट कार्यालय में जिस नाम से पटना से दो लाख की 25 पेटी प्रतिबंधित कफ सिरप भेजा गया था, उसके मोबाइल नंबर को खंगाला गया। टीम ने पटना जाकर अनुसंधान किया तो पता चला कि दोनों आरोपित ने ही सारी खेप मंगाई थी। ये लोग स्वयं सिरप बेचने के साथ दूसरी दुकानों में भी भेजते थे।

काफी पूछताछ के बाद भी आरोपितों ने यह नहीं बताया कि वे लोग कब से इस धंधे में लिप्त थे। बताया कि इस काले धंधे में दुमका के ही तीन और लोग शामिल हैं। उनके खिलाफ न्यायालय से वारंट लेकर तलाश की जा रही है। उनके गिरफ्त में आते ही यह साबित हो जाएगा कि दुमका में कितने साल से प्रतिबंधित सिरप बेचा जा रहा था। इसमें इन तीन के अलावा और कौन लोग शामिल हैं।

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