हस्तशिल्पियों को उपलब्ध कराएं बाजार

जागरण संवाददाता दुमका केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय से संपोषित आइडीपीएच योजना के तहत झारक्राफ्ट

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Feb 2021 07:51 PM (IST) Updated:Wed, 17 Feb 2021 07:51 PM (IST)
हस्तशिल्पियों को उपलब्ध कराएं बाजार
हस्तशिल्पियों को उपलब्ध कराएं बाजार

जागरण संवाददाता, दुमका : केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय से संपोषित आइडीपीएच योजना के तहत झारक्राफ्ट रांची की ओर से हस्तशिल्प कारीगरों के लिए स्थानीय विपणन पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन बुधवार को दुमका के जोहार सभागार में शुरू किया गया।

मुख्य अतिथि नगर परिषद श्वेता झा ने उद्घाटन करते हुए कहा कि संताल परगना में बड़ी संख्या में हस्तशिल्पी हैं लेकिन इन्हें समुचित बाजार नहीं मिल रहा है। जरूरत है कि इन्हें सुगम बाजार मुहैया हो। कहा कि ऐसे कार्यशालाओं की वजह से निसंदेह जागरूकता आएगी।

एसपी महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ. नीलिमा लकड़ा ने कोविड-19 संक्रमण के दौरान मास्क और पीपीई किट का उदाहरण देते हुए कहा कि जब समय की मांग और जरूरत के हिसाब से हस्तशिल्पी अपना उत्पाद तैयार करते हैं तो इन्हें बाजार भी आसानी से मिल जाता है। एसपी महिला कॉलेज की व्याख्याता डॉ. अंजुला मुर्मू ने कहा कि दुमका में पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर लगने वाले मेलों में बाजार की तालाश की जा सकती है। सरकार को चाहिए कि हस्तशिल्पियों की मदद करे। सहायक निदेशक रेशम सह डीजीएम झारक्राफ्ट सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि यहां के शिल्पी कुशल व मेहनती हैं लेकिन जोखिम उठाने से डरते हैं। बाहर जाने से भी कतराते हैं। आवश्यकता है कि सामूहिक व संगठित होकर बड़े समूह में उत्पादन करें और समय-समय पर बाहर जाकर कुछ देखकर सीखें।

झारक्राफ्ट की क्लस्टर मैनेजर शिखा आनंद के संयोजन एवं जनमत शोध संस्थान के सचिव अशोक सिंह के संचालन में आयोजित कार्यशाला के तकनीकी सत्र में स्थानीय विपणन और इससे जुडे़ विभिन्न विषय वस्तु पर संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ और रिसोर्स पर्सन ने हस्तशिल्पियों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। रिसोर्स पर्सन देवघर से आए ध्रुव ज्योति मंडल ने आर्टिजन की पहचान के लिए आर्टिजन कार्ड बनाने पर जोर दिया और उससे होने वाले फायदे की भी जानकारियां दी। इस क्रम में उन्होंने विभाग के टोल फ्री नंबर की भी जानकारी दी। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री कुटीर उद्योग बोर्ड दुमका के जिला कॉर्डिनेटर विनय रंजन ने हस्तशिल्पियों के लिए केंद्र व राज्य सरकार के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

कार्यशाला में हस्तशिल्प से जुड़े 50 कारीगर भाग ले रहे हैं जिसमें जादोपेटिया पेंटिग से जुडे कलाकार, डोकरा आर्ट, सोहराय पेंटिग, एप्लिक, काथा स्टीच, अर्टी स्टीक टेक्सटाइल से जुड़े हस्तशिल्प शामिल हैं। कार्यशाला दूसरे दिन हस्तशिल्प उत्पादन, डिजाइनिग एवं मार्केंटिग एवं बैंकिग से जुडे कई विशेषज्ञ हस्तशिल्पियों को योजनाओं के बारे में अवगत कराएंगे। मौके पर जयप्रकाश, सुधा, हेमंत पांडेय, बबली यादव, बेबी देवी, रूबी देवी, नूतन कुनई, क्षमा गिलुका, पायल, बॉबी देवी समेत कई मौजूद थीं।

chat bot
आपका साथी