गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने मंदिर गेट पर टेका मत्था

विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में भले ही वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण से बचाव को लेकर राज्य सरकार ने राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव की अनुमति नहीं दी है बावजूद भोलेनाथ के प्रति आस्था रखने वाले भक्त येन-केन-प्रकारेण बासुकीनाथ पहुंच ही जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 08:44 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 08:44 PM (IST)
गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने मंदिर गेट पर टेका मत्था
गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने मंदिर गेट पर टेका मत्था

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ (दुमका): विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में भले ही वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण से बचाव को लेकर राज्य सरकार ने राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव की अनुमति नहीं दी है, बावजूद भोलेनाथ के प्रति आस्था रखने वाले भक्त येन-केन-प्रकारेण बासुकीनाथ पहुंच ही जाते हैं। शनिवार को गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रशासन की लाख चौकसी के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर गेट के पास पहुंच गए। श्रद्धालुओं ने पूरी नियम-निष्ठा के साथ मंदिर गेट पर ही जल अर्पित किया।

रामगढ़, नोनीहाट, हंसडीहा, सरैयाहाट, दुमका, जामा, तालझारी, सहारा, देवघर, मोहनपुर, सारवां, सोनारायठाड़ी सहित अन्य जगहों से आए श्रद्धालुओं ने कहा कि भले ही बाबा बासुकीनाथ के दर्शन व स्पर्श पूजा नहीं कर पाए, पर दरबार में पहुंच गए, यही काफी है। पूर्व के वर्षों में जहां आषाढ़ पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर 70 हजार से एक लाख के करीब श्रद्धालुओं की भीड़ बासुकीनाथ में जुटती थी, वहीं इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर जारी पाबंदियों के बीच शनिवार को पूरे दिन मात्र हजार के करीब श्रद्धालुओं ने मंदिर गेट के बाहर से जलाभिषेक किया। मौके पर तैनात पुलिस बल एवं पुलिस पदाधिकारी विनम्रता के साथ श्रद्धालुओं को वापस लौटाते हुए दिखे। उन्होंने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को हाथ जोड़कर कोविड-19 का हवाला देते हुए घर वापस लौट जाने का आग्रह किया।

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