बरामद विस्फोटक सामग्री की नहीं हुई गिनती

24 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी शिकारीपाड़ा थाना की पुलिस रविवार को पोखरिया गांव के पास पलटी पिकअप वैन में भरी विस्फोटक सामग्री की गिनती नहीं हो सकी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 09:24 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 09:24 PM (IST)
बरामद विस्फोटक सामग्री की नहीं हुई गिनती
बरामद विस्फोटक सामग्री की नहीं हुई गिनती

24 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी शिकारीपाड़ा थाना की पुलिस रविवार को पोखरिया गांव के पास पलटे पिकअप वैन में भरी विस्फोटक सामग्री की गिनती नहीं कर सकी है। भारी मात्रा में सामग्री होने की वजह से थाने में दोपहर से गिनती शुरू हुई। देर शाम तक पुलिस कुल बरामदगी के बारे में नहीं बता सकी। पुलिस ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए पीछा करने की कहानी गढ़ी है। मंगलवार को पुलिस अधीक्षक विस्तृत जानकारी देंगे।

रविवार की रात ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी सुशील कुमार पहले पोखरिया गांव पहुंचे और जेसीबी की मदद से पलटी वैन को सीधा कराया। जांच में वैन के ऊपरी हिस्से में पूजा में प्रयुक्त होने वाला जटा नारियल भरा था और नीचे डिब्बों में जिलेटिन और डेटोनेटर भरा हुआ था। काफी तादाद में सामग्री देखने के बाद पुलिस का माथा ठनक गया। रात को ही जेसीबी की मदद से वैन को थाना लाया गया। सारी सामग्री को थाना के अंदर परिसर में बिछा दिया गया। दोपहर को एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी के पहुंचने के बाद थाना के मुख्य द्वार में ताला जड़ दिया गया, ताकि मीडिया सामग्री की तस्वीर कैद नहीं कर सके। एसडीपीओ ने बताया कि सामग्री अधिक होने की वजह से देर शाम तक गिनती पूरी नहीं हो सकी थी। मंगलवार को पुलिस अधीक्षक विस्तृत जानकारी देंगे। ----------------------

पीछा करने की रची झूठी कहानी

वैन पलटने की जानकारी मिलने के बाद एसडीपीओ मौके पर पहुंचे और जांच की। उनका कहना था कि पुलिस वाहन का पीछा कर रही थी। भागने के क्रम में वैन का टायर फट जाने से गाड़ी पलट गई और सवार चालक व सहायक चालक भाग निकले। दरअसल, पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए झूठ का सहारा ले रही है। वैन थाना होते हुए निकल गई और वाहनों की जांच का दावा करने वाली पुलिस चाहकर भी कुछ नहीं कर सकी। अगर पुलिस पीछा कर रही है तो वह वाहन से कितनी दूर थी। पीछा कर रही है तो हादसे के बाद वैन में सवार कैसे भाग निकले। दरअसल, गांव के लोगों की सूचना मिलने के बाद ही पुलिस मौके पर पहुंची थी और पुलिस की इसी नाकामी को छिपाने के लिए झूठ का सहारा लिया।

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पश्चिम बंगाल का रहने वाला है गाड़ी मालिक

पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वैन बंगाल के किसी इंजमाम मुनव्वर के नाम से खरीदी गई है। इसी 13 जनवरी को इसका निबंधन कराया गया था। सवाल यह उठता है कि बंगाल का उक्त युवक सारी सामग्री को कैसे शिकारीपाड़ा से होते हुए बाहर ले जा रहा था। वाहन पलटता नहीं तो सारी सामग्री जिला से बाहर निकल जाती।

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