तीन माह तक राज ही रहेगी दुमका के अमित की मौत
नगर थाना क्षेत्र के रसिकपुर गवालापाड़ा में एक सितंबर को 26 साल के अमित यादव निर्माणाधीन घर पर फंदे से लटका मिला था।
नगर थाना क्षेत्र के रसिकपुर गवालापाड़ा में एक सितंबर को 26 साल के अमित यादव निर्माणाधीन घर के पिलर से लटके मिले शव का राज करीब तीन माह तक खुलने वाला नहीं है। करीब 25 दिन के बाद आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह से स्पष्ट नहीं हुई। मौत की असली वजह जानने के लिए बिसरा को जांच के लिए रांची भेजा गया है। अब बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस आगे कदम बढ़ाएगी।
दरअसल एक सितंबर को नगर थाना की पुलिस ने उसका लटका हुआ शव बरामद किया था। पहली नजर में पुलिस को हत्या की आशंका लग रही थी। दो साल पहले अमित की पत्नी ने घर में ही फांसी लगा ली थी। स्वजनों ने आरोप लगाया था कि मौत से दो दिन पहले सास और साले ने घर आकर अमित को जान से मारने की धमकी दी थी। इसी आधार पर पुलिस ने सास व साले समेत तीन पर हत्या का मामला दर्ज किया था। मृतक के भाई कुंदन का कहना था कि भाई ने दो साल पहले प्रेम विवाह किया था। शादी के कुछ दिन बाद भाभी ने आत्महत्या कर ली। तब से भाभी की मां और साला धमकी देकर परेशान करता था। दो दिन पहले ही जान से मारने की धमकी दी थी। इन दोनों ने भाई की हत्या करने के बाद शव को लटका दिया है।
मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने मौत की वजह स्पष्ट नहीं होने के कारण किसी को गिरफ्तार नहीं किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था। अब जब लंबे समय के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो उसमें मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने पर बिसरा सुरक्षित रख दिया गया। जब तक इसकी रिपोर्ट नहीं आती है तब तक अमित की मौत राज ही रहेगी। ज्यादातर रिपोर्ट आने में तीन से चार माह का समय लग जाता है। नगर थाना प्रभारी देवव्रत पोददार का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण पता नहीं चला है। बिसरा को जांच के लिए भेजा गया है। जब तक बिसरा रिपोर्ट नहीं आती है, तब तक किसी पर कार्रवाई संभव नहीं है।