उप परिवहन आयुक्त ने की 52 लाख के चावल घोटाले की जांच

सदर प्रखंड के अनाज गोदाम में सात जुलाई को तत्कालीन गोदाम प्रभारी के माध्यम से स्कूल भेजने वाले चावल में 52 लाख का घोटाला पकड़ में आने के बाद सोमवार को आयुक्त के आदेश पर उप परिवहन आयुक्त जुगनू मिज ने जांच की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:17 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:17 PM (IST)
उप परिवहन आयुक्त ने की 52 लाख के चावल घोटाले की जांच
उप परिवहन आयुक्त ने की 52 लाख के चावल घोटाले की जांच

जागरण संवाददाता, दुमका: सदर प्रखंड के अनाज गोदाम में सात जुलाई को तत्कालीन गोदाम प्रभारी के माध्यम से स्कूल भेजने वाले चावल में 52 लाख का घोटाला पकड़ में आने के बाद सोमवार को आयुक्त के आदेश पर उप परिवहन आयुक्त जुगनू मिज ने जांच की। उप आयुक्त ने प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश सिन्हा के कार्यालय कक्ष में उन सभी पंजियों का अवलोकन किया, जिसमें घोटाले की बात पकड़ में आई थी। हालांकि मिज ने कुछ बताने से इन्कार करते हुए जांच रिपोर्ट आयुक्त को सौंपने की बात कही।

दोपहर को प्रखंड कार्यालय पहुंचे उप आयुक्त ने बीडीओ से पहले सारे मामले की जानकारी। फिर उपायुक्त को भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर पंजियों का सत्यापन किया। पंजी में वह सारी बातें सच निकलीं, जो बीडीओ की जांच में सामने आई थी। मिज ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को बुलाकर पूछताछ की। यह जानने का प्रयास किया कि किस तरह से गोदाम प्रभारी ने स्कूलों को कम चावल दिया और स्टाक में मात्रा को बढ़ा दिया। गोदाम से संबंधित हर पंजी का सत्यापन किया गया। हालांकि पदाधिकारी ने कुछ बताने से मना कर दिया।

-----------------

क्या है पूरा मामला: छह साल से जनसेवक रामजीवन तुरी बिना किसी लिखित आदेश के अनाज गोदाम का प्रभारी बने हुए थे। किसी एक व्यक्ति ने उन पर चावल घोटाले का आरोप लगाते हुए बीडीओ को पत्र दिया। जब इसकी जांच कराई तो सामने आया कि रामजीवन ने महज वर्ष से 21 तक करीब 52 लाख का घोटाला किया है। नौ जुलाई को बीईईओ ने नगर थाना में उनके खिलाफ सरकारी राशि गबन करने का मामला दर्ज कराया। दो दिन के बाद रामजीवन को उपविकास आयुक्त ने बीडीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर निलंबित कर दिया था। अब आरोपित के खिलाफ विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

chat bot
आपका साथी