स्वजनों का साथ व डॉक्टरों की सलाह से कोरोना को हराया

संवाद सूत्र दलाही अपने आत्मविश्वास व चिकित्सकों की सलाह की बदौलत मसलिया प्रखंड के कई ग्रामी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 05:38 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 05:38 PM (IST)
स्वजनों का साथ व डॉक्टरों की सलाह से कोरोना को हराया
स्वजनों का साथ व डॉक्टरों की सलाह से कोरोना को हराया

संवाद सूत्र, दलाही : अपने आत्मविश्वास व चिकित्सकों की सलाह की बदौलत मसलिया प्रखंड के कई ग्रामीणों ने कोरोना को हराकर जीवन का जंग जीतने में सफल हुए है। कोविड-19 की चपेट में आए ऐसे ग्रामीणों के पास न तो अत्यधिक आर्थिक संपन्नता थी और नहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, बावजूद यह कोरोना को हराने का सही मायने में खुद को कोरोना योद्धा साबित किए हैं।

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स्वजनों ने दी साकारात्मक ऊर्जा, काढ़ा से कोरोना को हराया

मसलिया के गुमरो पंचायत के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक 25 वर्षीय श्याम सुंदर झा माह आठ अप्रैल को कोरोना पॉलिटिव हो गए थे। हल्का बुखार, बदन दर्द के साथ लूज मोशन शुरू हुआ था। कोविड के लक्षणों को महसूस करते हुए श्यामसुंदर तत्काल स्वयं को एकांतवास कर लिया। 11 अप्रैल को दुमका में जाकर जांच कराया। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। श्याम सुंदर ने कहा कि पहले तो डर लगा, लेकिन घर आकर पुन: एकांतवास में रहने लगा। घर में माता-पिता, बड़े भाई से काफी सकारात्मक ऊर्जा मिली। सबने देखभाल की और तीन बाद से ही कोविड-19 का संक्रमण कम होने लगा। इस दौरान मसलिया के चिकित्सा प्रभारी डॉ. प्रवीण कुमार की सलाह पर विटामिन सी, मल्टीविटामिन व घरेलू काढ़ा का सेवन किया। खुद को मन से कभी हारने नहीं दिया। 10 दिनों के बाद पुन: जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आई। अब थोड़ी कमजोरी है, लेकिन अब सीएसपी के माध्यम से ग्रामीणों को सेवा मुहैया करा रहे हैं।

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गिलोय के काढ़ा ने संक्रमण को दी मात

मसलिया के कुसुमघटा पंचायत के इसमाला गांव के राजमिस्त्री का काम करने वाले 28 वर्षीय बैद्यनाथ राय ने बताया कि जब उसका कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो पूरा परिवार परेशान हो गया। स्वजनों की सलाह पर घर के एक कमरे में एकांतवास में रहना प्रारंभ कर दिए। लक्षण में सिर्फ गला सूख रहा था। 11 दिनों तक मां-पिता, छोटे बच्चे पत्नी से दूर हो गया। गिलोय का काढ़ा व कफ सिरप का सेवन किया। 11 दिनों के बाद जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आई।

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ऑक्सीजन का स्तर घटने पर भी हिम्मत नहीं हारा

गुमरो पंचायत के जेरुवा गांव के 48 वर्षीय महावीर पंडित 27 अप्रैल को एंटीजन जांच में कोरोना संक्रमित पाए गए। महावीर को उठने-बैठने तक की ताकत खत्म हो गई थी। सांस लेने में परेशानी आ रही थी। ऑक्सीजन का स्तर घटकर 50-60 तक पहुंच गया था। वह तुरंत जामताड़ा अस्पताल में भर्ती हुए। पांच दिनों तक एक तरह बेड पर पड़े रहे। महावीर ने कहा कि परिवार में सभी परेशान थे, लेकिन वह हिम्मत हारने को तैयार नहीं थे। कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास था कि कोरोना को हराने में सफल हो जाऊंगा। कहा कि पांच दिनों के बाद रिकवर होने लगे। संक्रमण समाप्त होने लगा और चार मई को पुन: टेस्ट कराया तो कोरोना की जंग जीत चुके थे। मेरी हिम्मत ने ही मुझे दोबारा जीवन दिया। अभी थोड़ी-सी कमजोरी है पर आराम से चल-फिर रहे हैं।

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विजय ने हराया कोरोना के संक्रमण को

मसलिया के मसानजोर पंचायत के सिगटूटा गांव के 38 वर्षीय विजय मंडल एक अप्रैल को कोरोना के लक्षण का अनुभव किया और उसी शाम को खुद को क्वारंटाइन कर लिया। बिना जांच कराए सभी नियमों का पालन करते हुए योग प्राणायाम व काढ़ा का सेवन प्रारंभ कर दिया। मल्टीविटामिन के लिए फलों का सेवन और गर्म पेय पीने लगे। अपने कमरे से घर के सभी सदस्यों को दूर रखा। 10 अप्रैल को जांच कराने के बाद रिपोर्ट निगेटिव थी।

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