संशोधित -- दैनिक जागरण विशेष - ऊंचाई वाली जगह पर तैयार करें धान का बिचड़ा

झारखंड में मजबूत मानसून ब्रेक के बाद लगातार रिकार्ड बारिश से किसान परेशानी में है। खा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 06:17 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 06:17 PM (IST)
संशोधित --  दैनिक जागरण विशेष - ऊंचाई वाली जगह पर तैयार करें धान का बिचड़ा
संशोधित -- दैनिक जागरण विशेष - ऊंचाई वाली जगह पर तैयार करें धान का बिचड़ा

झारखंड में मजबूत मानसून ब्रेक के बाद लगातार रिकार्ड बारिश से किसान परेशानी में है। खास कर खरीफ की खेती में नुकसान होने की आशंका को लेकर भी किसान सशंकित हैं। लगातार बारिश की वजह से धान का बिचड़ा तैयार करने व रोपाई में भी विलंब किसानों के लिए चिता व परेशानी का कारण बन रहा है। सब्जी और फलों की खेती पर भी लगातार बारिश का प्रतिकूल असर पड़ रहा है। लत वाली सब्जियां खेतों में जलजमाव के कारण सड़ने लगी हैं तो भदई सब्जी की खेती के लिए किए गए बीज बारिश के कारण खेतों में सड़ रहे हैं। उगे हुए बीज के पौधे भी पानी के कारण नष्ट हो रहे हैं। लगातार बारिश के कारण मक्का की खेती पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ऐसे में किसानों की पेरशानी को कुछ हद तक कम करने व समुचित प्रबंधन के माध्यम से खेती कार्य को आगे बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र दुमका की कृषि विज्ञानी डा.किरण कंडीर ने किसानों को कई अहम सुझाव दिया है। डा.किरण ने कहा कि किसान परेशान होने के बजाए समुचित प्रबंधन कर खेती और धान बीज की तैयारी व रोपाई कर सकते हैं। इसके अलावा सब्जी व फलों की खेती को भी इस बारिश में देखभाल के लिए कुछ पहल किसानों को करना चाहिए। --------------------- घर के अंदर ही ऊंचाई वाली जगह पर तैयार करें धान का बिचड़ा

--------------- किसान अपने घर या बाड़ी में जहां कि भूमि उठी हुई है वहां धान की खेती क लिए बिचड़ा तैयार कर सकते हैं। इसके लिए ऊंची जमीन पर प्लास्टिक बिछा दें या भूसा का एक परत बिछाकर मिट्टी, बालू व केंचुआ खाद का मिश्रण बिचड़ा स्थल में फैला दें। इसके पश्चात इस पर बीजाई करें। कीट एवं रोग नियंत्रण के लिए कीटनाशक व फफूंदनाशक में सर्प या शैंपू मिलाकर छिड़काव करें। बारिश के दौरान पौधों पर कोई पोषक तत्व नहीं दें और नहीं कोई कीटनाशक का छिड़काव करें। फल बगीचे के लिए जो किसान पौधारोपण के लिए गड्ढे़ भर चुके हैं वे मौसम साफ होते ही पौधारोपण कर सकते हैं। लगातार बारिश के कारण सब्जी व फसलों में फफूंद जनित रोग लगने की आशंका बढ़ जाती है तो एक बार कार्बेन्डाजिम का घोल मौसम साफ होने पर अवश्य छिड़काव करें। नीम युक्त कोई भी समुचित मात्रा में पानी में मिलाकर धान के बिचडों या सब्जी फसलों पर 10 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें। किसान संरक्षित नर्सरी में ही सब्जी का बिचड़ा तैयार करें। बीज बोआई से पहले इसे उपचारित जरूर करें। बिचड़ा रोपने से पहले फफूंदीनाशक का उपचार जरूरी है। खेती वाले स्थान पर केंचुआ व कंपोस्ट का भरपूर इस्तेमाल किया जाए। जिस जमीन पर हल्दी, कच्चू, अदरक एवं ओल लगे हैं वहां जल निकास का समुचित प्रबंधन किया जाना चाहिए। जबकि फल के बागों में पौधे व पेड़ के चारों ओर थाला बना फलदार पौधों को हानि नहीं पहुंचे। --------------------------- बाक्स में -- ये है मई और जून में रिकार्ड वर्षापात की स्थिति ----------- जिले के नाम - मई माह में बारिश मिमी - 19 जून तक बारिश मिमी --------- ------------------- ----------------------------- दुमका - 116 .13 - 195.98 देवघर - 105 : 30 - 258. 00 जामताड़ा - 137.00 - 362 . 00 साहिबगंज - 392. 90 - 211. 30 गोड्डा - 171 . 70 - 157. 90 पाकुड़ - 159 .63 - 214.82 ----------------------------------------------------------------------- वर्जन ------- लगातार बारिश से किसान घबड़ाने के बजाए समुचित प्रबंधन के जरिए खेती का कार्य करें। आधुनिक व वैज्ञानिक तरीकों का अपना किसान बेहतर खेती कर सकते हैं और नुकसान होने से भी रोक सकते हैं। डा.किरण कंडीर, कृषि विज्ञानी, केवीके, दुमका -------------

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