कोरोना जांच कराई नहीं, पॉजिटिव आ गई रिपोर्ट
कोरोना महामारी से बचाव को सैंपल जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों द्वारा गलत पता और फोन नंबर दिया जा रहा है। सामाजिक पहचान छुपाने के लिए कोरोना जांच कराने पहुंच रहे नागरिक अपना वास्तविक नाम और फोन नंबर देने की बजाय दूसरों की पहचान दर्ज करा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: कोरोना महामारी से बचाव को सैंपल जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों द्वारा गलत पता और फोन नंबर दिया जा रहा है। सामाजिक पहचान छुपाने के लिए कोरोना जांच कराने पहुंच रहे नागरिक अपना वास्तविक नाम और फोन नंबर देने की बजाय दूसरों की पहचान दर्ज करा रहे हैं, ताकि रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें कोई पहचान न सके और जीवन सामान्य रूप से चलता रहे।
बुधवार को यह मामला तब प्रकाश में आया, जब बासुकीनाथ नगर पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर दो के चोरडीहा रोड के विजय भंडारी को कोरोना पॉजिटिव बताकर एक दंडाधिकारी कंटेनमेंट जोन की पहचान करने के लिए सरकारी चिट्ठी लेकर पहुंचे। दंडाधिकारी ने जब विजय भंडारी को कोरोना पॉजिटिव होने की बात बताई तो वह दंग रह गया। उसने बताया कि उसने कोरोना जांच कराई ही नहीं है तो उसकी रिपोर्ट कैसे आ सकती है। पड़ोसियों ने भी इसकी पुष्टि की।
बाद में स्पष्ट हुआ कि कोरोना जांच कराने गए किसी अन्य व्यक्ति ने अपनी पहचान छुपाते हुए विजय भंडारी का नाम, पता और फोन नंबर लिखवा दिया।
शक की नजर से देख रहे लोग: इधर विजय का कहना है कि भले उसने जांच भी नहीं कराई, लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव होने की बात सुनकर दूसरे लोग उससे कटने लगे हैं। वह यजमानी करके किसी तरह परिवार का गुजर-बसर करता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के डर से दूसरे यजमान ने उससे काम कराने से मना कर दिया।
इधर, पुष्टि के लिए बुधवार को ही विजय ने जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी कोरोना जांच कराई, जिसमें उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
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आधार कार्ड लेकर सैंपल जांच की मांग: मामला सामने आने के बाद अब लोग आधार कार्ड लेकर ही कोरोना जांच करने की मांग जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इससे जहां एक ओर स्वस्थ व्यक्ति को परेशानी होती है, वहीं दूसरी ओर संक्रमित व्यक्ति के खुलेआम घूमने से कोरोना महामारी अंकुश लगाना प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है।