उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ चैती छठ समाप्त

कोरोना महामारी के बीच सोमवार को उदय होते सूर्य की उपासना के साथ चार दिवसीय चैती छठ पूजा का समापन हो गया। पिछले साल की तरह इस बार भी छठव्रतियों ने घरों में ही कुंड बनाकर भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 08:35 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 08:35 PM (IST)
उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ चैती छठ समाप्त
उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ चैती छठ समाप्त

जागरण संवाददाता, दुमका: कोरोना महामारी के बीच सोमवार को उदय होते सूर्य की उपासना के साथ चार दिवसीय चैती छठ पूजा का समापन हो गया। पिछले साल की तरह इस बार भी छठव्रतियों ने घरों में ही कुंड बनाकर भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य दिया। छठव्रती और श्रद्धालु अलसुबह परिजनों के साथ सूप-डाला लेकर घर पर बने कुंड पहुंचे और सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। वहीं खूंटाबांध तालाब में कुछ परिवार की महिलाओं ने उदय होते हुए सूर्य को पानी में खड़े होकर आस्था के साथ भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित किया। इस बार रोक की वजह से किसी ने भी पोखरा बांध तालाब में पूजन नहीं किया। पूजा समिति ने इस बार किसी तरह का आयोजन नहीं किया था। ---------------------- शिवगंगा में श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को दिया अ‌र्घ्य

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: सूर्य उपासना के अनुपम लोक पर्व छठ पूजा के तहत चैती छठ में सोमवार को उदयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ पूजा का समापन हो गया। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर अधिकतर लोगों ने घरों में ही छठ पर्व मनाया। बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा घाट में भी छठव्रतियों की काफी कम भीड़ दिखी। यहां अ‌र्घ्य देने के लिए भक्तों ने शारीरिक दूरी का अनुपालन किया। भगवान भास्कर से संपूर्ण परिवार के लिए आरोग्य और सुख समृद्धि की कामना की गई। शिवगंगा घाट एवं जरमुंडी बांध में भक्तों ने पूर्ण निष्ठा के साथ पूजन किया। सुहागन महिलाओं ने एक दूसरे को सिदूर लगाकर अखंड सौभाग्य की मंगलकामना की। वहीं कुछ परिवारों ने घाट की बजाय अपने घरों में कुंड बनाकर सूर्य की उपासना की।

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