कलश स्थापना के साथ चैत्र नवरात्र शुरू
कोरोना महामारी के बीच मंगलवार से मां दुर्गा की अराधना का पर्व चैत्र नवरात्र शुरू हो गया। धर्मस्थान दुर्गा मंदिर और पगलाबाबा मंदिर में कलश की स्थापना की गई। शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी लोगों ने कलश स्थापित कर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की गई।
जागरण संवाददाता, दुमका: कोरोना महामारी के बीच मंगलवार से मां दुर्गा की अराधना का पर्व चैत्र नवरात्र शुरू हो गया। धर्मस्थान दुर्गा मंदिर और पगलाबाबा मंदिर में कलश की स्थापना की गई। शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी लोगों ने कलश स्थापित कर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की गई। पुजारी ने मोबाइल फोन पर लोगों को संकल्प कराया।
दुर्गा स्थान मंदिर, पगला बाबा मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर हर साल धूमधाम से पूजा मनाई जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं था। पगला बाबा मंदिर में केवल पाठ किया गया। धर्मस्थान मंदिर में तीन कलश की स्थापना की गई। पुजारी नेपाल पंडित ने मंदिर में आने वालों को शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए संकल्प कराया। बाकी लोगों ने फोन का सहारा लिया। कम संख्या में लोगों ने फूल, माला व प्रसाद मां दुर्गा को अर्पित किए।
पूजा पूरे नौ दिनों तक पूरे विधि-विधान से की जाएगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन रामनवमी मनाई जाएगी। ------------------ चैती छठ पर इस बार इस बार नहीं होगा वृहत आयोजन
जासं, दुमका: चैती छठ को लेकर मंगलवार को बड़ा बांध चैती छठ पूजा समिति के सदस्यों की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस बार कोरोना की वजह से छठ पर सामूहिक रूप अर्घ्य नहीं दिया जाएगा। समिति के अध्यक्ष उत्तम कुमार ने कहा कि शहर के लोगों के हित को देखते हुए पोखरा चौक पर इस बार छठ पर वृहत आयोजन नहीं किया जाएगा। सभी व्रतियों से अनुरोध किया कि वे अपने घरों में ही छठ मनाएं।
बताया कि छठ पूजा 16 अप्रैल से शुरू हो रही है। 16 को कद्दूभात, 17 को खरना, 18 को पहला अर्घ्य और अगले दिन दूसरे अर्घ्य के साथ पर्व का समापन होगा। बैठक में राजेश राज, अमरेश कुमार, कन्हैया, मनोज घोष, नयन कुमार राय, प्रभाकर केसरी, मोनू उपाध्याय व सूरज शर्मा आदि शामिल थे।