World Car Free Day 2020: प्रदूषण और सेहत दोनों के लिहाज से कार हानिकारक, रोज नहीं तो शौकिया भी साइकिल चलाइए

नियमित साइकिल चलाने से स्वास्थ्य व सेहत में काफी लाभ मिलता है। साइकिलिंग से दिल World Car Free Day 2020 रक्तवाहिकाओं और फेफड़ों की कसरत होता है। साइकिल चलाने की छोटी सी कोशिश व्यायाम जैसा ही फायदा पहुंचाता है। साइकिल चलाने से मोटापा घटता है।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 11:58 AM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 11:58 AM (IST)
World Car Free Day 2020: प्रदूषण और सेहत दोनों के लिहाज से कार हानिकारक, रोज नहीं तो शौकिया भी साइकिल चलाइए
आम लोगों के लिए साइकिल अब भी शान की सवारी है। जीटी रोड पर साइकिल से गुजरते लोग।

धनबाद, जेएनएन। वर्ल्ड कार फ्री डे ( World Car Free Day 2020) पर दुनिया में कई सारे लोग कहीं जाने के लिए कार की बजाय सार्वजनिक परिवहन या साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। इससे सड़कों पर ट्रैफिक कम होने के साथ ही पर्यावरण को गाड़ी से निकलने वाले जहरीले धुएं से भी बचाया जाता है। धनबाद में स्थिति इससे अलग है। यहां आज भी साइकिल को लेकर बहुत ज्यादा क्रेज नहीं है। भले ही लॉकडाउन में लोगों ने साइकिल को कुछ हद तक प्राथमिकता दी है, फिर भी यह संख्या कार चालकों की तुलना में नगण्य है।

धनबाद में 41.2 फीसद लोग कार का करते प्रयोग

आपको जानकर हैरानी होगी कि धनबाद में 30.9 फीसद लोग बाइक, 20.1 फीसद पैदल और महज 7.8 फीसद ही लोग साइकिल का प्रयोग करते हैं। इसका मतलब है 41.2 फीसद लोग कार का प्रयोग करते हैं। नगर निगम की ओर से किए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। यह प्रदूषण और सेहत दोनों के लिहाज से हानिकारक है। यही कारण है कि इसी साल की शुरुआत में जब ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट आई थी तो धनबाद-झरिया को प्रदूषण के मामले में देश में पहले नंबर पर रखा गया था। इसमें भी प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ ही बताया गया था। पिछले साल नगर निगम ने शहर में साइकिल शेयरिंग के लिए साइकिल स्टैंड बनाने की भी योजना बनाई थी, लेकिन यह भी धरातल पर नहीं उतर सकी। यह रांची की तर्ज पर होना था। यहां से लोग कुछ शुल्क देकर साइकिल शेयरिंग की सुविधा ले सकते थे। धनबाद में प्रदूषण का स्तर बढ़ाने में लाख 70 हजार गाड़ियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

धनबाद में प्रदूषण के प्रमुख कारक

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी आरएन चौधरी  का कहना है कि वैसे तो धनबाद शहर में प्रदूषण की स्थिति बेहद नाजुक है, लेकिन झरिया और कुसुंडा की हवा सबसे अधिक जहरीली है। झरिया में रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर का स्तर 369.55 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) और कुसुंडा में 326.48 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर। इसका सामान्य स्तर 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर होना चाहिए। प्रदूषण का बड़ा कारण ओपनकास्ट कोलियरियां, इसकी वजह से धूल कण हवा में तैर रहे हैं। वायु प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल के खदान में हो रहे उत्पादन एवं कोल ट्रांसपोर्टेशन। वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैस सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण आरएसपीएम (रेस्पाइरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) एवं एसपीएम (सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) मिलकर इसमें इजाफा कर रहे हैं। चिमनियों या जेनरेटर आदि से निकलने वाला धुआं भी बड़ा कारण है। अधिक नुकसान सड़क पर उड़ती हुई धूल से होता है। कोलियरी क्षेत्र से निकलने वाले कोयला लदे ट्रक धनबाद शहर को प्रदूषित करने में महत्वपूर्ण निभा रहे हैं। जिला परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2009 से लेकर सितंबर 2020 तक तीन लाख 70 हजार गडिय़ां धनबाद की सड़कों पर धुआं उड़ा रही हैं।

     वायु प्रदूषित गैसों की असहनीय सीमा

प्रदूषित गैस। अधिकतम सहनीय सीमा कार्बन मोनोऑक्साइड   8 घंटे नाइट्रोजन ऑक्साइड     24 घंटे सल्फर डाईऑक्साइड   24 घंटे हाइड्रोकार्बन यौगिक     30 घंटे रासायनिक ऑक्साइड     1 घंटे

पांच वर्ष में वायु प्रदूषण 30 फीसद कम करने का लक्ष्य

झारखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अगले पांच वर्ष में धनबाद का वायु प्रदूषण 30 फीसद कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में यहां पर पीएम 10 की औसत मात्रा 240 मीटर क्यूबिक से भी अधिक है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के तहत यह काम करना है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के आलोक में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अगले पांच वर्षों के लिए एक कार्ययोजना बनाई है। प्रदूषण कारकों पर लगाम कसने के लिए 10 करोड़ रुपए भी धनबाद नगर निगम को मिल चुके हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा उद्योग, परिवहन, नगर विकास, बीसीसीएल आदि इसमें सहयोग करेंगे। ये सभी विभाग सूक्ष्म धूलकण की मात्रा को कम करने में सहयोग करेंगे ताकि वायु स्वच्छता कायम हो सके। इस अभियान में धनबाद के स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाएगा। लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए स्कूली बच्चों के साथ सामाजिक संगठनों का योगदान भी लेना है।

यह थी साइकिल शेयरिंग की योजना

झारखंड में अभी साइकिल शेयरिंग की सुविधा सिर्फ रांची में है। पर्यावरण संरक्षित करने और आवागमन सुलभ बनाने के लिए नगर विकास विभाग की इस पहल पर अमलीजामा पहनाने के लिए पिछले वर्ष ही एक एजेंसी ने इसका प्रजेंटेशन दिया था। तत्कालीन नगर आयुक्त चंद्र मोहन कश्यप की मौजूदगी में निगम के पदाधिकारियों को साइकिल शेयरिंग के बारे में बताया गया था। इसमें धनबाद के 14 किमी की परिधि को ध्यान में रखते हुए 90 साइकिल स्टैंड और 816 बायसाइकिल का खाका खींचा गया था। इसका सदस्य बनने के बाद साइकिल चलाने की सुविधा 24 घंटे मिलती। किसी भी स्टैंड से आप साइकिल ले सकते थे और किसी अन्य स्टैंड पर उसे लगा भी सकते थे। इसकी सदस्यता शुल्क तक निर्धारित कर दी गई थी। मेंबर बनने वालों को एक दिन के लिए 30 रुपये, एक माह के लिए 200 और एक वर्ष के लिए एक हजार रुपये रजिस्ट्रेशन फीस तय की गई थी। इसके बाद एक यूजर प्रतिदिन 30 मिनट मुफ्त में साइकिल चला सकता है। अगर 30 मिनट के बाद एक घंटे तक साइकिल चलाते हैं तो पांच रुपये देने होंगे। दो घंटे तक के लिए 10 रुपये और इससे अधिक देर तक साइकिल चलाते हैं तो प्रति घंटा 15 रुपये की दर से देना होगा।

साइकिल चलाने से लाभ ही लाभ

नियमित साइकिल चलाने से स्वास्थ्य व सेहत में काफी लाभ मिलता है। साइकिलिंग से दिल, रक्तवाहिकाओं और फेफड़ों की कसरत होता है। साइकिल चलाने की छोटी सी कोशिश व्यायाम जैसा ही फायदा पहुंचाता है। साइकिल चलाने से मोटापा घटता है, फिट बॉडी के लिए साइकिल चलाना अति आवश्यक है। दिल को सेहतमंद और सुरक्षित रखने में सहायक, मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए, इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मददगार, तनाव से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकेगा।

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