Tokyo Olympics: भारतीय महिला हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने से धनबाद रेल मंडल की महिला खिलाड़ी खुश
धनबाद में भी कई बेटियां हाकी में भी अपनी किस्मत आजमाना चाहती हैं। लेकिन उचित माहौल और संसाधन नहीं होने की वजह से बेटियों को हाकी के लिए बेहतर अवसर नहीं मिल पा रहा है। धनबाद में हाकी खेलने के लिए कहीं भी एक फील्ड नहीं है।
जासं, धनबाद। टोक्यो ओलंपिक में महिला हाकी टीम के प्रदर्शन के बाद पूरे देश में खुशी की लहर है। महिला हाकी टीम ने आस्ट्रेलिया टीम को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। ऐसे में देशभर के लोग दुआ कर रहे हैं कि हाकी टीम पदक लेकर देश लौटे, दूसरी ओर हाकी खेलने वाली महिला खिलाड़ी जो इस वक्त हाकी खेल के द्वारा रेलवे में नौकरी कर रही है। वे भी इसे लेकर काफी उत्सुक हैं। सेमीफाइनल में प्रवेश कर सभी रेलवेे में कार्य करने वाले महिला खिलाड़ियों में पूर्व की तरह उत्साह नजर आई।
यह पूरे देश के लिए गर्व की बात
रेलवे में खेल कोटे से नौकरी कर रही हाकी खिलाड़ी मंझरी पांडेय ने बताया कि महिला हाकी टीम सेमी फाइनल में पहुंच गई है। यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। खिलाड़ियों ने एतिहासिक कार्य किया है। आगे इनको मेडल जीतने के लिए और मेहनत करना पड़ेगा। मंझरी ने बताया कि उम्मीद है, कि हमारी टीम गोल्ड जीतकर देश का नाम रौशन करेगी। मंझरी के साथ ही नूतन टोपनो, रूममणि गंगराई, कांति प्रधान, सीमा कुमारी, मरीयम आदि ने तिरंगे दिखाकर खिलाड़ियों को फाइनल में पहुंचने के लिए प्रार्थना की।
धनबाद में खलाड़ियों के लिए नहीं कोई व्यवस्था
धनबाद में भी कई बेटियां हाकी में भी अपनी किस्मत आजमाना चाहती हैं। लेकिन उचित माहौल और संसाधन नहीं होने की वजह से बेटियों को हाकी के लिए बेहतर अवसर नहीं मिल पा रहा है। धनबाद में हाकी खेलने के लिए कहीं भी एक फील्ड नहीं है, नहीं इसके लिए कोई विशेष प्रशिक्षक है, नहीं सरकार की ओर से कोई कैंप लगता है। इस वजह से हाकी खेलने के इच्छुक महिला खिलाड़ियों को रांची राजधानी का रुख पकड़ना पड़ता है।