मौत के ख़ौफ़ के बीच युवाओं का हौसला सातवें आसमान पर; कोविड संक्रमित पांच शवों का किया अंतिम संस्कार Dhanbad News

कोविड-19 के संक्रमण के बीच जहां एक दूसरे से लोगों ने दूरी बना रखी है वहीं कुछ युवा ऐसे भी हैं जो इस विकट परिस्थिति में अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद कर रहे हैं। युवाओं की टीम पांच शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 02:21 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 02:21 PM (IST)
मौत के ख़ौफ़ के बीच युवाओं का हौसला सातवें आसमान पर; कोविड संक्रमित पांच शवों का किया अंतिम संस्कार Dhanbad News
कोविड-19 के संक्रमण के बीच जहां एक दूसरे से लोगों ने दूरी बना रखी है। (जागरण)

धनबाद, जेएनएन : कोविड-19 के संक्रमण के बीच जहां एक दूसरे से लोगों ने दूरी बना रखी है, वहीं कुछ युवा ऐसे भी हैं जो इस विकट परिस्थिति में अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद कर रहे हैं। दाता का दरबार व मारवाड़ी यूथ ब्रिगेड से जुड़ी युवाओं की टीम एक सप्ताह के अंदर कोविड संक्रमण पांच शवों का अंतिम संस्कार अपने खर्चे पर कर चुकी है।

ससम्मान के साथ चौथे कोरोना संक्रिमत व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया बस्ताकोला और पांचवां अंतिम संस्कार आमझर बलियापुर में किया गया। संबंधित व्यक्ति की फेफड़े के संक्रमण के कारण इलाज के दौरान मौत हो गई थी। समाजसेवी अंकित राजगढ़िया को मृतक को परिजन ने कॉल कर अंतिम संस्कार करने में मदद मांगी।

अंकित ने तुरंत अपनी साथियो को इसकी सूचना दी और अंतिम संस्कार करने बस्ताकोला मुक्ति धाम पहुंच गए। अंकित राजगढ़िया, चतुर्भुज कुमार, बंटी विश्वकर्मा, शाहिद अंसारी, रागी शेखर की जोड़ी ने शव को खड़े होकर परिजनों के साथ मिलकर ससम्मान अंतिम संस्कार करवाया। अंकित ने बताया कि उन्हें देशभर से इस नेक पहल के लिए बधाइयां मिल रही है। उनके टीम यह पहल आगे भी जारी रहेगा। अंकित ने कहा कि इस पहल से जितनी खुशी है, उससे ज्यादा दुख हो रहा है कि मृतक का परिवार पूरी तरह बिखर रहा है।

इसी तरह टीम ने कोरोना संक्रमित 48 वर्ष की महिला का अंतिम संस्कार बलियापुर के आमझर में किया। फेफड़े में संक्रमण बढ़ जाने के कारण पीएमसीएच के केथ लेब में निधन हो गया था। परिजनों ने टीम अंकित से अंतिम संस्कार में मदद मांगी और टीम अंकित पहुंच गई। अंतिम संस्कार करने अंकित, चतर्भुज कुमार, शाहिद अंसारी और बंटी विश्वकर्मा की चौकड़ी ने कंधा दिया और अमझार में रीति रिवाज से ससम्मान अंतिम संस्कार किया।

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