माननीय विधायक से सजायाफ्ता भए ढुलू महतो, अब भाजपा की होगी अग्निपरीक्षा Dhanbad News
कोर्ट का फैसला सुनने के लिए भाजपा विधायक ढुलू महतो नारंगी रंग का कुर्ता पहन पहुंचे थे। उनके साथ समर्थकों की भीड़ थी। सजा सुनाए जाने के बाद बाहर निकले तो चेहरा लटका हुआ था।
धनबाद [ मृत्युंजय पाठक ]। सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी फाड़ने के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद BJP के बहुचर्चित और बाहुबली MLA Dhulu Mahto माननीय नहीं रहे। अब वे सजायाफ्ता विधायक ढुलू महतो कहे जाएंगे। यही कारण है कि बुधवार को एसडीजेएम शिखा अग्रवाल ने जैसे ही दोषी करार देते हुए 18 महीने की सजा सुनाई तो ढुलू के चेहरे की राैनक गायब हो गई। दो साल से कम की सजा होने के कारण तकनीकी रूप से ढुलू की झारखंड विधानसभा सदस्यता बच गई है। उनके चुनाव लड़ने पर भी कोई रोक नहीं है। लेकिन, अब पहले की तरह उनके पास नैतिक बल नहीं होगा।
अब भाजपा की होगी अग्निपरीक्षाः भाजपा विधायक ढुलू महतो पर छह साल पहले 12 मई 2013 को सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिस अभिरक्षा से वारंटी को छुड़ाने का जो मामला दर्ज हुआ था उसकी (GR नंबर- 20123/13) सुनवाई करते हुए अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। विधायक को दोषी करार देते हुए 18 महीने की सजा दी है। अब भाजपा की अग्निपरीक्षा होनी है। बड़ा सवाल यह है कि क्या भाजपा ढुलू महतो को बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से टिकट देगी ? क्या भाजपा ढुलू को फिर से बाघमारा विधानसभा के चुनाव मैदान खड़ा करेगी। डेढ़ दो-महीने के अंदर झारखंड विधानसभा का चुनाव होना। अगर भाजपा एक सजायाफ्ता को चुनाव मैदान में उतारती है तो सवाल तो उठेंगे। इससे पहले भी दो-दो मामले में ढुलू महतो को कोर्ट से एक-एक साल की सजा हो चुकी है। धनबाद जिला भाजपा की महिला पदाधिकारी के साथ दुष्कर्म की कोशिश के आरोप में हाल ही में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने विधायक ढुलू महतो पर प्राथमिकी दर्ज की है। इससे धनबाद में भाजपा की छवि को बट्टा लगा है।
डेढ़ दशक का है राजनीतिक सफरनामाः भाजपा विधायक ढुलू का करीब डेढ़ दशक का राजनीतिक सफरनामा है। वे पहली बार 2009 में झारखंड विकास मोर्चा (प्रो) के प्रत्याशी के रूप में बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर झारखंड विधानसभा में पहुंचे। इससे पहले 2009 के विधानसभा चुनाव में झारखंड वनांचल कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में 20 हजार से अधिक मत लाकर सबको चाैंका दिया था। झारखंड विधानसभा चुनाव- 2014 से पहले झाविमो को छोड़ ढुलू भाजपा में शामिल हुए। भाजपा ने उन्हें हाथों-हाथ लिया और टिकट थमा दिया। ढुलू महतो दूसरी बार भारी मतों से बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। इसके बाद सत्ता की छांव में ढुलू ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। धनबाद के आर्थिक तंत्र पर पकड़ बनाने के लिए जोर लगाया। आज धनबाद कोयलांचल में उन्हें चुनाैती देने वाला कोई नहीं है।
ढुलू ने तैयार कर रखा है बैकअप प्लानः कानूनी शिंकजों में कसने के बाद भाजपा विधायक ढुलू महतो ने अघोषित रूप से अपना बैकअप प्लान तैयार कर रखा है। सजा के बाद भी तकनीकी रूप से चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं है। भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दो साल या दो साल से अधिक की सजा होने पर ही चुनाव लड़ने पर रोक है। जबकि ढुलू को मात्र 18 महीने की सजा हुई है। ऐसे में उनकी पहली कोशिश होगी कि भाजपा टिकट दे। कहा जा रहा है कि खुद को टिकट न मिलने की स्थिति में ढुलू अपनी पत्नी सावित्री देवी को आगे करेंगे। ढुलू की पत्नी बाघमारा से चुनाव लड़ेगी।
ऊपरी अदालत में देंगे चुनाैतीः अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद भाजपा विधायक ढुलू महतो ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें न्याय तंत्र पर पूरा भरोसा है। निचली अदालत की सजा को ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। महतो ने कहा, उन्हें बदनाम करने के लिए विरोधियों ने साजिश रची। वह गरीबों की लड़ाई लड़ते हैं, इस कारण उन्हें फंसाया गया है।