आए थे तलाक लेने, साथ गए घर... जज की बात सुन पति-पत्नी ने बदला इरादा; पढ़िए धनबाद कोर्ट से निकली सुखद कहानी

सीआइएसएफ जवान राधेश कुमार का विवाह 17 मई 2011 को पूर्णीमा शर्मा के साथ हुआ था। दोनो को दो बच्चे भी हैं। एक की उम्र नौ वर्ष दूसरा चार साल का है। दो बच्चे होने के बाद से ही दोनों के संबंध में खटास आने लगा।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:59 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:59 AM (IST)
आए थे तलाक लेने, साथ गए घर... जज की बात सुन पति-पत्नी ने बदला इरादा; पढ़िए धनबाद कोर्ट से निकली सुखद कहानी
धनबाद का 28 कोर्ट भवन ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। शादी के दस वर्षों के बाद विवाह कर दांपत्य जीवन बिताने वाले जोड़ी के टूटते हुए रिश्ते मे लोक अदालत ने नई जान भर दी। शनिवार को दोनों अपने सगे संबंधियों के साथ अदालत में एक दूसरे से संबंध विच्छेद करने आए थे परंतु कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सत्य प्रकाश की काउंसलिंग ने दोनों का हृदय परिवर्तन कर दिया। दोनों अदालत में दाखिल किए गए आपसी सहमति से डायवोर्स पिटिशन को वापस लेकर एक दूसरे के साथ फिर से नए जीवन बिताने का निर्णय लेकर विदा हो गए।

सीआइएसएफ जवान राधेश कुमार का विवाह 17 मई 2011 को पूर्णीमा शर्मा के साथ हुआ था। दोनो को दो बच्चे भी हैं। एक की उम्र नौ वर्ष दूसरा चार साल का है। दो बच्चे होने के बाद से ही दोनों के संबंध में खटास आने लगा। इनके के बीच विवाद इस कदर बढ़ा कि दोनों एक दूसरे से अलग रहने लगे। दोनों ने एक दूसरे से संबंध विच्छेद के लिए दो जनवरी 2021 को कुटुंब न्यायालय में संयुक्त रूप से आवेदन कर डाइवोर्स की मांग की थी। अदालत ने मध्यस्थता के बाद भी दोनों के संबंध में कोई सुधार नहीं आए तथा अदालत में फर्स्ट मोशन की कार्रवाई भी पूरी कर ली गई थी। अब अंतिम मोशन होना बाकी था। प्रधान न्यायाधीश सत्य प्रकाश की काउंसलिंग ने उन लोगों के हृदय पर ऐसी छाप छोड़ी की दोनों का हृदय परिवर्तन हो गया।

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