Dhanbad Water Crisis: शहर में आज भी सामान्य नहीं होगी जलापूर्ति, आधा दर्जन जलमीनार में शाम तक चढ़ेगा पानी
Dhanbad Water Crisis एक जलमीनार को भरने में चार से पांच घंटे का समय लगता है। सिर्फ यही नहीं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जल शोधन भी किया जाएगा इसके बाद ही जलापूर्ति होगी। सबसे अधिक आबादी स्टील गेट हीरापुर और पुलिस लाइन जलमीनार पर निर्भर है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। आज शाम पांच बजे तक धनबाद की पांच से छह टंकियों से ही जलापूर्ति सेवा बहाल हो पाएगी। बिजली की दिक्कत की वजह से पिछले 48 घंटे से जलापूर्ति सेवा बहाल नहीं हो सकी है। भेलाटांड़ वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का मोटर चालू नहीं हो सका था। आज सुबह छह बजे मैथन से भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पानी पहुंचा। इसे फिल्टर करने में तीन से चार घंटे का समय लगा। 10 बजे के बाद टंकियों में पानी भरने का काम शुरू हो चुका है। पेयजल विभाग के अनुसार शाम चार से पांच तक पांच-छह टंकियों में पानी भरा जा सकेगा। इसमें स्टील गेट, मेमको मोड़, पुलिस लाइन आदि प्रमुख जलमीनार शामिल हैं। शेष खाली जलमीनार को आज देर रात भरने का काम शुरू होगा। सोमवार को सुबह सभी 19 जलमीनार से शहर को जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी। शुक्रवार सुबह 9:40 बजे से भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का मोटर बंद था, आज सुबह जाकर चालू हुआ।
एक टंकी को भरने में लगता है चार से पांच घंटे
एक जलमीनार को भरने में चार से पांच घंटे का समय लगता है। सिर्फ यही नहीं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जल शोधन भी किया जाएगा, इसके बाद ही जलापूर्ति होगी। सबसे अधिक आबादी स्टील गेट, हीरापुर और पुलिस लाइन जलमीनार पर निर्भर है। स्टील गेट जलमीनार तो ओवरलोड हो चुका है। यहां पानी से अधिक कनेक्शन हो चुका है। पेयजल विभाग 19 जलमीनारों के जरिए शहरी क्षेत्र की साढ़े चार लाख की आबादी को जलापूर्ति करता है। अभी पिछले माह ही पाइपलाइन शिफ्टिंग की वजह से पांच प्रमुख जलमीनारों में एक दिन जलापूर्ति बाधित थी। इससे पहले भेलाटांड़ के पास पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने की वजह से तीन दिनों तक जलापूर्ति बाधित थी।
इन जलमीनारों से होती है जलापूर्ति
स्टीलगेट, हीरापुर, पुराना बाजार, भूदा, बरमसिया, मेमको मोड़, पॉलीटेक्निक, गांधी नगर, एसएनएमएमसीएच, धोवाटांड़, धनसार, भूली, मटकुरिया, वासेपुर, चिरागोड़ा, हिल कॉलोनी, मनईटांड़, पुलिस लाइन, गोल्फ ग्राउंड।
पेयजल समस्या बनी हुई है। टंकियों को भरने का काम शुरू हो चुका है। उम्मीद है शाम तक कुछ टंकियों से जलापूर्ति शुरू हो जाएगी। वैकल्पिक व्यवस्था है नहीं, बिजली पर ही निर्भरता है।
- राहुल प्रियदर्शी, सहायक अभियंता पेयजल विभाग