तपती गर्मी में कुसुंडा क्षेत्र में एक सप्‍ताह से ठप पड़ी है जलापूर्ति, दो हजार की आबादी प्रभावित

कुसुंडा क्षेत्र के ईस्ट बसुरिया कोल डंप व छोटकी बौआ नया क्‍वार्टर कॉलोनी में जलसंकट की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। करीब दो हजार की आबादी जलसंकट की गंभीर समस्या से जूझ रही है। करीब एक सप्ताह से यहां जलापूर्ति ठप है।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 05:01 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 05:01 PM (IST)
तपती गर्मी में कुसुंडा क्षेत्र में एक सप्‍ताह से ठप पड़ी है जलापूर्ति, दो हजार की आबादी प्रभावित
ईस्ट बसुरिया कोल डंप कॉलोनी स्थित पानी टंकी।

संवाद सहयोगी, निचितपुर: कुसुंडा क्षेत्र के ईस्ट बसुरिया कोल डंप व छोटकी बौआ नया क्‍वार्टर कॉलोनी में जलसंकट की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। करीब दो हजार की आबादी जलसंकट की गंभीर समस्या से जूझ रही है। करीब एक सप्ताह से यहां जलापूर्ति ठप है।

कोल डंप कॉलोनी के एक बोरिंग में लगे पंप बोरिंग के नीचे चले जाने के कारण यहां की जलापूर्ति ठप हुई है। हालांकि एक पंप से यहां कभी कभी आंशिक जलापूर्ति होती है, लेकिन इससे भी कभी-कभी ही यहां के कुछ घरों में जलापूर्ति होती है, वह भी महज दो-तीन बालटी ही। वहीं जो पंप बोरिंग में नीचे गया है, उस पंप से यहां पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति होती थी, लेकिन इन दिनों जलापूर्ति बाधित है। इस पंप से जलापूर्ति नहीं होने के कारण यहां जल संकट की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां के कुछ लोग पानी खरीद कर तो कुछ लोग इधर-उधर से पानी लाकर काम चला रहे हैं।

स्थानीय लोग कहते हैं कि यहां करीब एक सप्ताह से जलापूर्ति ठप है, लेकिन प्रबंधन को इसकी कोई चिंता नहीं है। कहा कि जलापूर्ति नहीं होने से हमलोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हमलोग इधर उधर से पानी लाकर काम चला रहे हैं।

इस संबंध में ईस्ट बसुरिया कोल डंप कॉलोनी निवासी आरके ठाकुर जलापूर्ति ठप रहने से यहां के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग इधर-उधर से पानी की व्यवस्था कर अपना काम चला रहे हैं। प्रबंधन गड़बड़ी को ठीक कराकर जल्द जलापूर्ति शुरु कराए।

वहीं छोटकी बौआ नया क्‍वार्टर कॉलोनी निवासी शंकर यादव ने कहा कि करीब एक सप्ताह से यहां जलापूर्ति ठप है, जिसके कारण यहां जल संकट की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। कुछ लोग इधर उधर से तो कुछ लोग पानी खरीद कर अपना काम चला रहे हैं। प्रबंधन जल संकट की समस्या को जल्द दूर कराए।

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