पेट की आग बुझाने से ज्यादा पानी के जद्दोजहद में हर सुबह लगने को मजबूर यहां के ग्रामीण Dhanbad News
गांव के लोग डैम के पानी पीने को मजबूर हैं गांव के आसपास भूमिगत जल काफी गहरा होने के कारण अधिकतर नलकूप एवं कुआं गर्मी के दिनों में सूख जाते हैं। जिसके कारण पानी की भारी किल्लत गांव में होती है।
मैथन, जेएनएन : धनबाद जिला के एग्यारकुंड प्रखंड स्थित काली पहाड़ी पंचायत के पोडाडीहा, मंगलमारा, टूना घोटू, सिंह बस्ती गांव के लोग पेट की आग बुझाने से ज्यादा पीने के पानी के लिए हर सुबह जद्दोजहद में लगे रहते हैं।
आलम यह है कि सुबह उठने के साथ ही गांव के पुरुष और महिलाएं काम की तलाश के बजाय पानी के लिए बर्तन लेकर डैम की ओर भागते हैं और जल्द से जल्द डैम से पानी भर व स्नान कर घर आते हैं। उसके बाद ही जिंदगी की शुरुआत होती है। यही नहीं गांव के कई लोग तो साफ पानी के लिए पश्चिम बंगाल के डीबुडीह चेक पोस्ट के समीप से पानी लाने को मजबूर होते हैं।
गांव के अधिकतर चापाकल और कुआं सूख चुके हैं। कुछ कुआं बचे भी हैं तो उसमें इतना पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं है कि पूरे गांव की प्यास बुझा सके। मजबूरन गांव के लोग डेम के भरोसे ही जीवन खींचने को मजबूर हैं ।
काली पहाड़ी पूर्व पंचायत के मंगलमारा, पोडाडीआ, टुना घोटू, मंगलमारा, सिंह बस्ती सरीखे गांव में आजादी के इतने साल बाद भी पानी का मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो सकी। जिसे लेकर ग्रामीण अब तक अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। कई बार प्रखंड से लेकर नेताओं का दरवाजा खटखटाया लेकिन सब ने केवल आश्वासन दिया पानी किसी ने नहीं दिया।
क्या कहते हैं पदाधिकारी और उप मुखिया
एग्यारकुंड प्रखंड विकास पदाधिकारी ललित प्रसाद सिंह ने कहा कि मुझे अभी घटना का जानकारी नहीं मिली है । इस शिकायत मिलने पर वे खुद अपने स्तर से देखेंगे। पंचायत के उप मुखिया राजेश चौधरी ने कहा कि गांव में पानी के लिए कई बार प्रखंड से लेकर जिला तक पीएचडी विभाग से लेकर डीवीसी से गुहार लगाई गई परंतु सब ने केवल आश्वासन दिया पानी अब तक नहीं मिल पाया है।
गांव के लोग डैम के पानी पीने को मजबूर हैं गांव के आसपास भूमिगत जल काफी गहरा होने के कारण अधिकतर नलकूप एवं कुआं गर्मी के दिनों में सूख जाते हैं। जिसके कारण पानी की भारी किल्लत गांव में होती है। मजबूरन गांव के लोग डैम के पानी पीने को मजबूर होते हैं।
ग्रामीण लखेन्दर हसदा ने कहा कि पानी के लिए रोजगार से ज्यादा लोग पीने के पानी के लिए चिंतित होते हैं। सुबह उठकर ही गांव के लोग सबसे पहले डैम की ओर भागते हैं और पीने से लेकर नहाने तक सारा पानी का उपयोग डैम से ही करना पड़ता है। गांव में अब तक पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं हुई है ।
वही अजय मुर्मू ने कहा कि गांव में पानी की बेहद कीलत है सरकार इन पर ध्यान दें जिससे कि इनका जीवन आसान हो सके।