Dhanbad: पानी की कीमत में लगी आग; प्रति ड्राम 110 रुपये ब‍िकने वाले पानी अब म‍िल रहा 150 रुपये में

जलापूर्ति लगातार बंद होने से झरिया क्षेत्र में घूम घूम कर पानी बेचने वाले का भी तेवर बदल जाता है। 120 रुपये में बिकने वाला प्रति ड्राम का भाव आसमान छू लेता है। इन दिनों घर में घूम घूम कर पानी बेचने वाले प्रति ड्राम 150 रुपये बेच रहे है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 12:51 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 12:51 PM (IST)
Dhanbad: पानी की कीमत में लगी आग; प्रति ड्राम 110 रुपये ब‍िकने वाले पानी अब म‍िल रहा 150 रुपये में
जलापूर्ति लगातार बंद होने से झरिया क्षेत्र में घूम घूम कर पानी बेचने वाले का भी तेवर बदल जाता है।

सुमित राज अरोड़ा, झरिया: पानी का महत्व वही जानता है जिसके पास पानी ना हो या जाे खरीद कर पानी का प्रयोग करता है। एसा ही हाल इन दिनों झरिया का है। वैसे तो झरिया में पानी की समस्या वर्षों पुराना है। कभी मोटर पंप की खराबी तो कभी बिजली की समस्या तो कभी दामोदर नदी में शैवाल आने की समस्या यहां बनी रहती है। इन दिनों झरिया में पानी की समस्या आम जनता के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। छह दिनों से लगातार जलापूर्ति ठप होने से लोग अपने घरों से निकल दूर दराज से पानी लाने के लिए विवश है। वही कई लोग पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर है। एसा ही आलम इन दिनों झरिया में देखने को मिल रहा है। झमाड़ा के जामाडोबा जल संयंत्र से झरिया शहर व आसपास के कई इलाकों में तीन लाख से भी अधिक की आबादी को जलापूर्ति होती है। पानी ना होने से लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। पानी कि तलाश में घरों के छोटे छोटे बच्चे भी पानी के लिए इधर से उधर भटकते रहे है। लोगों ने बताया कि पर्व व त्योहारों में पानी ना मिले तो काफी परेशानी होती है।

जलापूर्ति ठप होने से पानीभर हो जाते है महंगे 

जलापूर्ति लगातार बंद होने से झरिया क्षेत्र में घूम घूम कर पानी बेचने वाले का भी तेवर बदल जाता है। 120 रुपये में बिकने वाला प्रति ड्राम पानी जलापूर्ति ठप होते ही इनका भाव भी आसमान छू लेता है। इन दिनों घर में घूम घूम कर पानी बेचने वाले प्रति ड्राम 150 रुपये बेच रहे है। वही पानी बेचने वालों ने बताया कि जलापूर्ति ठप होने से लोग ज्यादातर क्षेत्र के आसपास के कुंआ में चले जाते है। जिससे ड्राम में पानी लाने में काफी समस्या होती है। वही लोगों ने बताया कि घर की जरूरत को पूरा करने के लिए ना चाह कर भी पानी खरीद कर उसका प्रयोग करना पढ़ रहा है।

यह हाल तो वर्षों पुराना है। कभी कुछ तो कभी कुछ कहा कर जलापूर्ति ठप कर देते है। इससे आम लोगों की समस्या काफी बढ़ जाती है।

- मो. सिकंदर, झरिया 

ना चाह कर भी पानी खरीद कर पीना पढ़ रहा है। जलापूर्ति ठप होने से लोगों में हा हाकार मच जाता है। इस समस्या को आज तक झमाडा दूर नही कर सकी है।

विनोद अग्रवाल, झरिया 

पानी की समस्या काफी विकट रूप ले चुकी है। लगातार जलापूर्ति ठप होने से बच्चों का भविष्य भी अंधकार में जा रहा है। घर के सभी सदस्य पानी के लिए भटकते रहते है।

राधा गुप्ता, झरिया 

पानी बेचने वाले भी जलापूर्ति ठप होने से इस भाव बढ़ जाते है। 120 रूपये वाला ड्राम 150 कर देते है जिससे घर का बजट भी बिगड़ जाता है।

मंजीत कुमार, झरिया 

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