नींद से जागिए हुजूर, बिगड़ चुकी जिलेभर की सड़कों की सूरत
जागरण संवाददाता धनबाद जिले की सड़कों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। धनबाद शहर की प्रमुख सड़कें बदहाली का आइना दिखा ही रही हैं। झरिया से सिदरी और निरसा से कतरास तक की मुख्य सड़कों के साथ दूसरी सड़कों का भी बेहद बुरा हाल है। भूली टुंडी तोपचांची और गोमो की सड़कें भी बद से बदतर हाल में पहुंच गई हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद : जिले की सड़कों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। धनबाद शहर की प्रमुख सड़कें बदहाली का आइना दिखा ही रही हैं। झरिया से सिदरी और निरसा से कतरास तक की मुख्य सड़कों के साथ दूसरी सड़कों का भी बेहद बुरा हाल है। भूली, टुंडी, तोपचांची और गोमो की सड़कें भी बद से बदतर हाल में पहुंच गई हैं। पथ निर्माण विभाग की अनदेखी और समय पर मरम्मत न होने का खामियाजा सड़कों पर चलने वाले लोग भुगत रहे हैं। जिन सड़कों से रोजाना जिले के तमाम अधिकारी गुजरते हैं। उन सड़कों की भी सूरत बिगड़ी हुई है। बारिश ने पहले से उबड़ खाबड़ सड़कों का हाल और बिगाड़ दिया है। ---- आठ लेन सड़क का भी बुरा हाल, चलने लायक डबल लेन भी नहीं
धनबाद में बन रही राज्य की पहली आठ लेन सड़क का भी बुरा हाल है। काम की सुस्त रफ्तार के कारण 20 किमी लंबी सड़क का एक किमी हिस्सा भी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हो सका है। सड़क निर्माण के लिए खुदाई का काम तो कर लिया गया। पर निर्माण करने वाली कंपनियों की हीलाहवाली के कारण आठ लेन सड़क का डबल लेन भी चलने लायक नहीं है।
---- फोटो : 04 एमटीएन 07 से 10 मुगमा मोड़ से रेलवे फाटक तक पांच साल से सड़क की मरम्मत नहीं
मुगमा : मुगमा मोड़ से लेकर मुगमा रेल फाटक तक पांच साल से जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं हुई है। सड़क पर बने गड्ढे बारिश में छोटे छोटे तालाब का रूप ले चुके हैं। वर्ष 2016 में पूर्व विधायक अरूप चटर्जी की अनुशंसा पर मुगमा मोड़ से लेकर बेनागोड़िया तक सड़क की मरम्मत की अनुशंसा की गई थी। लेकिन ठेकेदार ने शासनबेडिय़ा से लेकर बसंती माता तक ही काम किया गया। ---- गलफरबाड़ी ओपी से एफसीआइ गोदाम
गलफरबाडी : गलफरबाड़ी ओपी से लेकर एफसीआइ गोदाम तक दो किमी तक सड़क काफी जर्जर है। आठ गांव के ग्रामीणों व पंचायत सचिवालय तक जानेवाली सड़क पर अनगिनत गड्ढे हैं। ---- कालूबथान ओपी मोड़ से कलियासोल गांव की सड़क
कालूबथान ओपी मोड़ से कलियासोल गांव तक की सड़क की सूरत बिगड़ गई है। इस सड़क से कलियासोल, धोबाड़ी, डानकाटा, जयपुर, डुमरिया, कुलबोना आदि गांवों के ग्रामीण आवागमन करते हैं। तीन साल पहले लाखों खर्च कर सड़क की मरम्मत की गई थी। निर्माण में अनियमितता बरतने के कारण सड़क समय से पहले ही जर्जर हो गई। ---- इस सड़क को 25 साल से अपनी तकदीर बदलने का इंतजार
निरसा : 25 साल पहले भागाबांध मोड़ से गांव तक जाने के लिए सड़क बननी थी। उसी समय ठेकेदार ने कुछ स्थानों पर मिट्टी मोरम गिराए थे। उसके बाद से न ठेकेदार दिखा और न काम शुरू हुआ। तब से आज तक इस सड़क को अपनी तकदीर बदलने का इंतजार है। भागाबांध, बोलडीह, ढांगासाल व पहाड़गोड़ा गांव की चार हजार आबादी के आने जाने का एकमात्र यही रास्ता है।