मुराईडीह कोल डंप खुलने से मजदूरों की चेहरे पर खुशी लौटी

मुराईडीह कोलियरी में सोमवार को लोकल सेल फिर से चालू होने पर लोडिग मजदूरों के चेहरे पर खुशी देखी गई। नौ महीने बाद काम मिलने की खुशी उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 01:50 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 01:50 AM (IST)
मुराईडीह कोल डंप खुलने से मजदूरों की चेहरे पर खुशी लौटी
मुराईडीह कोल डंप खुलने से मजदूरों की चेहरे पर खुशी लौटी

संवाद सहयोगी, बरोरा : मुराईडीह कोलियरी में सोमवार को लोकल सेल फिर से चालू होने पर लोडिग मजदूरों के चेहरे पर खुशी देखी गई। नौ महीने बाद काम मिलने की खुशी उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी। मजदूर प्रशासन और बीसीसीएल के लोगों से कोल डंप को हर हाल में चालू रखने का आग्रह करते रहे। कोयला लोड करते हुए राणी देवी ने कहा कि काम बंद होने से हम लोगों ने जो कष्ट झेला है, भगवान उतना कष्ट दुशमनों को भी ना दें।

कन्हाई नामक छात्र कोल डंप में कोयला लोड करते हुए कहा कि भूखे पेट सोना दुनिया का सबसे बड़ी त्रासदी है। मुराईडीह शताब्दी के मजदूरों नें महसूस किया है। यही वजह है कि आज हाथ में कापी किताब की जगह कोयले की टोकरी है। आरती देवी ने कहा कि हम सभी प्रतिदिन कमाई करते हैं, तभी हमारे घरों में चूल्हा जलता है और हम दो वक्त का खाना खा पाते हैं। जब से कोल डंप बंद हुआ है तब से कभी सुबह तो कभी शाम के खाना पर आफत रहता है। विकास ने कहा कि हमलोग मेहनत करते हैं और अपनी रोजी रोटी जुगाड़ करते हैं। प्रशासन को भी हम सभी के मजबूरी को समझते हुए कोल डंप को ओर पहले चालू कराना चाहिए था। सभी मजदूरों ने प्रशासन के द्वार कोल डंप पर की गई व्यवस्था को सही बताया। सभी ने कहा बरोरा पुलिस द्वारा मजदूरों को ट्रक आवंटन का जो दंगलों का सूचीबद्ध कर आवंटित किया जा रहा है, इससे मजदूरों में खुशी है।

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