दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यमुना ने ताइक्वांडो में 51 स्वर्ण पदक सहित 60 पदक कर चुका है अपने नाम

मोहलीडीह पंचायत के निचितपुर टाउनशिप में रहने वाले यमुना कुमार पासवान दिव्यांग हैं। उसका एक हाथ नहीं है। इसके बावजूद अपनी हिम्मत के बदौलत यमुना ने ताइक्वांडो के क्षेत्र में काफी सफलता हासिल की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 05:48 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 05:48 PM (IST)
दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यमुना ने ताइक्वांडो में 51 स्वर्ण पदक सहित 60 पदक कर चुका है अपने नाम
दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यमुना ने ताइक्वांडो में 51 स्वर्ण पदक सहित 60 पदक कर चुका है अपने नाम

निचितपुर : मोहलीडीह पंचायत के निचितपुर टाउनशिप में रहने वाले यमुना कुमार पासवान दिव्यांग हैं। उसका एक हाथ नहीं है। इसके बावजूद अपनी हिम्मत के बदौलत यमुना ने ताइक्वांडो के क्षेत्र में काफी सफलता हासिल की है। एक हाथ के बूते पर ताइक्वांडो में कई धुरंधरों को धूल चटा चुका है। अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य व जिला स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में 51 स्वर्ण पदक सहित करीब 60 पदक अपने नाम कर चुका है। वर्ष 2003 में एक सड़क दुर्घटना में यमुना ने अपना दाहिना हाथ खो दिया था। कुछ माह बाद उसने ताइक्वांडो का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। फिर उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। देखते ही देखते ताइक्वांडो के क्षेत्र में वह शून्य से शिखर तक पहुंच गया। यमुना ने देश विदेश में कमाल कर दिखाया : यमुना ने 2018 में दक्षिण कोरिया में ताइक्वांडो की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक व 2019 में ईरान में हुई प्रेसीडेंट कप में कांस्य पदक अपने नाम कर चुका है। पोलैंड, दक्षिण कोरिया, नेपाल, जार्डन, ईरान में हुई ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में देश का मान बढ़ा चुका है। कम शुल्क पर बच्चों को देता है ताइक्वांडो का प्रशिक्षण : यमुना चार स्कूलों और दो एकेडमी में बच्चों को कम शुल्क पर ताइक्वांडो के प्रशिक्षण देता है। इसके बाद प्रशिक्षित 10 खिलाड़ी राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में परचम लहरा चुका है। आर्थिक स्थिति है दयनीय : निचितपुर टाउनशिप में इस होनहार युवा खिलाड़ी को अंडा बेचकर अपना घर का चलाना पड़ता है। बच्चों को प्रशिक्षण देने के एवज में मिलने वाली राशि से घर का खर्चा चलाने में थोड़ा सहयोग हो जाता है। मंत्री, विधायक के हाथों हो चुका है सम्मानित : यमुना झारखंड के खेल मंत्री हफीजुल हसन, विधायक मथुरा प्रसाद महतो सहित कई बड़ी हस्तियों के हाथों सम्मानित हो चुका है। उसने कहा कि झारखंड सरकार ने कई खिलाड़ियों को नौकरी दी है। झारखंड सरकार खेल कोटा से उसे भी सरकारी नौकरी दें तो शायद उसकी आर्थिक स्थिति सुधर जाए।

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