Durga Puja 2020: सड़क हादसे में दाहिना हाथ गंवाने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, एक हाथ से ही गढ़ रहा मां की प्रतिमा

सड़क हादसे में दायां हाथ गवां चुके विनोद पंडित करीब पिछले 15 साल से मूर्तिकारी कर जीवन बसर कर रहे हैं। विनोद ने कहा कि कोविड-19 की वजह से इस वर्ष आर्थिक क्षति हो रही है। बड़े आकार के प्रतिमा नहीं बनाने से मजदूरी भी काफी कम हो गई है।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 01:22 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 01:22 PM (IST)
Durga Puja 2020: सड़क हादसे में दाहिना हाथ गंवाने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, एक हाथ से ही गढ़ रहा मां की प्रतिमा
एक हाथ से मां की प्रतिमा तैयार करते विनोद पंडित।

बासुकीनाथ, [रूपेश कुमार झा लाली]। यह मां दुर्गा की ही कृपा है कि एक हाथ से दिव्यांग विनोद पंडित बीते एक दशक से बासुकीनाथ के फुलधरिया टोला मंदिर में दुर्गोत्सव के दौरान मां की प्रतिमा को अपने बाएं हाथ से ही गढ़ कर तैयार करते हैं। विनोद बताते हैं कि एक सड़क हादसे के बाद उसका दायां हाथ काट कर अलग करना पड़ा था। बाएं हाथ की एक अंगुली भी काटनी पड़ी है। विनोद हंसडीहा के खिजुरा पोखर छठ घाट का रहने वाला हैं। वे पिछले करीब 15-18 वर्षों से मूर्तिकारी कर अपना जीवन बसर कर रहा है।

विनोद ने कहा कि दुमका के जित्तो उर्फ जीतन मिस्त्री से मूर्तिकारी का गुर सीखा था। फुलधरिया टोला में पिछले एक दशक से मां की प्रतिमा बनाने आता हूं। उनके इस काम में बेटा संदीप पंडित बखूबी उनका साथ देता है। विनोद ने कहा कि कोविड-19 की वजह से इस वर्ष आर्थिक क्षति हो रही है। इस वर्ष बड़े आकार का प्रतिमा बनाने का आदेश नहीं है। ऐसे में प्रतिमा निर्माण की मजदूरी भी काफी कम हो गई है।

पूर्व के वर्षों की पूजा को याद करते हुए विनोद बताते हैं कि पहले काफी धूमधाम से मां दुर्गा की पूजा होती थी। इस बार कोविड-19 ने सबके लिए दायरा खींच दी गई है। इस दायरे का नतीजा हम जैसे गरीबों को भुगतनी पड़ रहा है। हम जैसे मूर्तिकारों को खासकर दुर्गापूजा, दीवाली व छठ का बेसब्री से इंतजार रहता है। बारिश का मौसम बीतने के बाद यही वह अवसर होता है जब मूर्तिकार कमाई करते हैं। दुर्गापूजा के बाद दीवाली में लक्ष्मी व काली की प्रतिमा बनाते हैं। इन त्योहारों में मिट्टी के दीए व अन्य घरौंदा का सामान बनाकर अच्छी आमदनी करते हैं।

छठ महापर्व को लेकर उत्साहित विनोद निराश मन से कहते हैं कि छठ में भी मिट्टी के बर्तनों की जबरदस्त मांग रहती है। इसलिए मूर्तिकार व कुम्हार समुदाय के लोगों को इन त्योहारों का खास इंतजार रहता है। अबकी बार कोविड-19 की वजह से सबकुछ पर पानी फेर रहा है। आमदनी कम होने से घर-परिवार चलाने पर भी आफत है। विनोद ने कहा कि अब उम्र के इस मुकाम पर पुश्तैनी धंधा छोड़कर दूसरा कोई काम भी नहीं कर सकते हैं। ऐसे में मां दुर्गा से ही करबद्ध प्रार्थना है कि कोविड-19 का जड़ से नाश कर सबका कल्याण करें।

chat bot
आपका साथी