Coal India: विनय रंजन बने कार्मिक निदेशक, धनबाद में हुई प्रारंभिक शिक्षा
कोल इंडिया के नए डीपी विनय रंजन की प्रारंभिक शिक्षा धनबाद में हुई है। वह क्लास एक से पांचवीं क्लास तक धनसार स्थित लक्ष्मी नारायण विद्या मंदिर में पढ़ाई की। इसके बाद पटना चले गए। कोल इंडिया का डीपी बनने से पहले ईसीएल में थे।
जागरण संवाददाता, धनबाद। कहते है कड़ी मेहनत ओर लग्न से काम किया जाए तो मंजिल अवश्य मिलती है। यह बात कोल इंडिया के नए डीपी पर लागू होती है। रंजन के डीपी बनाए जाने की अधिसूचना सोमवार को हुई। उनका जीवन कोल इंडिया परिवार से ही शुरू होता है। आज कंपनी की मंजिल तक पहुंचने में सफल हुए हैं। इससे पहले वह कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई ईसीएल में डीपी थे।
धनबाद के बचपन का नाता
कोल इंडिया निदेशक कार्मिक विनय रंजन का धनबाद से पुराना नाता है। रंजन के पिता बीसीसीएल में सिविल इंजीनियर थे। और लोगों की टीम के साथ उन्हीं के निगरानी में कोयला भवन तैयार हुआ है। उनके पिता जेके प्रसाद 1975 से 1979 तक यही पदस्थापित थे। रंजन की पढ़ाई लिखाई शुरुआत में धनबाद में हुई। उन्होंने प्रथम क्लास से पांचवीं क्लास तक धनसार स्थित लक्ष्मी नारायण विद्या मंदिर में पढ़ाई की। लेकिन 1979 में उनके पिता के देहांत हो जाने के बाद वह पटना चले गए। बाद में वहीं उनकी पढ़ाई लिखाई हुई। वह एलएन मिश्रा पटना कालेज से पढ़ें । हालांकि पिता की मृत्यु के बाद उनके भाई मनोरंजन किशोर को नौकरी मिली और वह 9 साल तक धनबाद में कार्य किए।
बचपन से कोयला श्रमिकों के हालात से रूबरू
विनय रंजन ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि कोयला नगर के बी टाइप 101 आवास में रहते थे। काफी धनबाद से लगाव है मुझे। बचपन से ही कोयला श्रमिकों की स्थितियों को नजदीक से समझा है और देखा है। मुझे हमेशा लगता है कि मैं उनके लिए कुछ बेहतर करूं और इसी दिशा में काम भी कर रहा हूं। कोल इंडिया में काम करने का भी मौका मिला है। बेहतर करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया कि बीएसएनएल से उनकी करियर की शुरुआत हुई है और अब यहां तक पहुंचा हूं।