Dhanbad: सेल के टासरा प्रोजेक्ट में रोजगार की मांगों को लेकर ग्रामीणों का बेमियादी धरना जारी

सेल के टासरा प्रोजेक्ट में रोजगार प्रभावित गांवों में पेयजल शौचालय की व्यवस्था पुनर्वास आदि 15 सूत्री मांगों को लेकर टासरा रोहड़ाबांध विस्थापित संघर्ष मोर्चा का बेमियादी धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। टासरा प्रोजेक्ट कांटा घर के सामने संघर्ष मोर्चा के लोग धरना दे रहे हैं।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 01:56 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 01:56 PM (IST)
Dhanbad: सेल के टासरा प्रोजेक्ट में रोजगार की मांगों को लेकर  ग्रामीणों का बेमियादी धरना जारी
टासरा प्रोजेक्ट कांटा घर के सामने संघर्ष मोर्चा के लोग धरना दे रहे हैं। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

संस, सिंदरी: सेल के टासरा प्रोजेक्ट में रोजगार, प्रभावित गांवों में पेयजल, शौचालय की व्यवस्था, पुनर्वास आदि 15 सूत्री मांगों को लेकर टासरा रोहड़ाबांध विस्थापित संघर्ष मोर्चा का बेमियादी धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। टासरा प्रोजेक्ट कांटा घर के सामने संघर्ष मोर्चा के लोग धरना दे रहे हैं। संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष गोवर्धन मंडल ने बताया कि जिला प्रशासन ने सेल के टासरा प्रोजेक्ट के लिए टासरा रोहड़ाबांध में 224 एकड़ भूमि चिन्हित किया था। इसे टासरा प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित किया जाना था।

परंतु सेल टासरा प्रबंधन फिलहाल 27 एकड़ भूमि में प्रोजेक्ट का काम कर रहा है। सेल टासरा प्रोजेक्ट के डीजीएम ने बताया कि इनमें सेल ने भाकोकोलि से 15 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया है। जबकि रैयतों से 12 एकड़ भूमि ली गई है।

टासरा के रैयत एकमुश्त भूमि अधिग्रहण चाहते हैं। ताकि भूमि के एवज में एकमुश्त मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार प्राप्त हो सके। सेल टासरा प्रबंधन ने कहा कि टासरा प्रोजेक्ट में फिलहाल 15 माह के लिए निविदा जारी की गई है। इस अवधि में 4.80 लाख मिट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया जाना है। टासरा प्रोजेक्ट के लिए माइंस डेवलपमेंट एंड आपरेशन ( एम डी ओ) के लिए नए सिरे से निविदा होनी है। सेल प्रबंधन ने इसके लिए इस्पात मंत्रालय में प्रस्ताव भेजा है। एम डी ओ टासरा प्रोजेक्ट में 28 वर्षों के लिए कोयले का उत्पादन करेगा। एमडीओ के आने के बाद ही एकमुश्त 224 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किए जाने की संभावना है।

टासरा रोहड़ाबांध विस्थापित संघर्ष मोर्चा एक मुश्त भूमि का अधिग्रहण पुनर्वास विस्थापितों के लिए रोजगार, रैयतों के लिए गांव में पेयजल और शौचालय, प्रदूषण नियंत्रण के लिए नियमित जल छिड़काव ब्लास्टिंग से क्षतिग्रस्त हुए मकानों की मरम्मत करने की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं। गोवर्धन ने रैयतों के आंदोलन को लेकर सेल टासरा प्रबंधन के उदासीन रवैया के प्रति नाराजगी जताई है।चेतावनी दी है कि सेल टासरा प्रबंधन ने तत्काल पहल नहीं की तो ग्रामीण टासरा प्रोजेक्ट का चक्का जाम कर देंगे।

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