कोरोना काल में मर रही मानवता... चिरकुंडा में संक्रमित मृत देह के अंतिम संस्कार का विरोध, जाना पड़ा बलियापुर
कोरोना संक्रमण से मौत होने की जानकारी स्थानीय ग्रामीणों को हुई तो उन्होनें दाह संस्कार का विरोध कर दिया। विरोध की सूचना होने पर चिरकुंडा पुलिस और मुखिया सुंदर नगर पहुंचे। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए शव को बलियापुर के आमझर ले जाने के लिए बोला गया।
पंचेत, जेएनएन। कोरोना काल में लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। ऐसे समय में जब अधिक से अधिक सहयोग की जरूरत है लोगों की मानवता मरती जा रही है। कोरोना संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों से लोग संक्रमण के डर से दूर ही रह रहे हैं। माैत के बाद दो मृत देह का भी गंजन हो रहा है। पहले किसी की मृत्यु होने पर पास-पड़ोस के लोग और शुभचिंतक श्मशान घाट तक अंतिम विदाई देने जाते थे। अब हालत यह है कि चार कंधे भी बमुश्किल मिल रहे हैं। कई श्मशान घाटों पर तो कोरोना संक्रमित मृत देह के अंतिम संस्कार का भी विरोध हो रहा है।
धनबाद जिले के चिरकुंडा थाना क्षेत्र के डूमरकुंडा उत्तर में एक कोरोना संक्रमित बीसीसीएल कर्मी मौत के बाद सुंदर नगर शमशान घाट में दाह संस्कार का स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध कर दिया। ग्रामीणों के विरोध से स्वजनों को बलियापुर के अमझर दाह संस्कार के लिए जाना पड़ा। बीसीसीएल सीवी एरिया में बतौर दंपर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत 56 वर्षीय बीसीसीएल कर्मी पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित हो गए थे। वो लायकडीह कॉलोनी में रहते थे और उनका धनबाद कोविड अस्पताल में इलाज चल रहा था। शुक्रवार की सुबह इलाज के दौरान बीसीसीएल कर्मी का निधन हो गया। इसके बाद कर्मी का शव उनके स्वजनों को सौंप दिया गया।
स्वजन सुंदर नगर स्थित श्मशान घाट में दाह संस्कार के लिए ले गए। इस बीच कोरोना संक्रमण से मौत होने की जानकारी स्थानीय ग्रामीणों को हुई तो उन्होनें दाह संस्कार का विरोध कर दिया। विरोध की सूचना होने पर चिरकुंडा पुलिस और मुखिया सुंदर नगर पहुंचे। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए शव को बलियापुर के आमझर ले जाने के लिए बोला गया। इसके बाद स्वजन सबको आमझर दाह संस्कार के लिए ले गए।