पानी-बिजली रोकने पर रोकी मुराईडीह परियोजना की ट्रांसपोर्टिग

संवाद सहयोगी बरोरा मुराईडीह प्रबंधन द्वारा मंडल केंदुआडीह गांव की बिजली-पानी बंद किए ज

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 09:22 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 09:22 PM (IST)
पानी-बिजली रोकने पर रोकी मुराईडीह परियोजना की ट्रांसपोर्टिग
पानी-बिजली रोकने पर रोकी मुराईडीह परियोजना की ट्रांसपोर्टिग

संवाद सहयोगी, बरोरा: मुराईडीह प्रबंधन द्वारा मंडल केंदुआडीह गांव की बिजली-पानी बंद किए जाने के खिलाफ रविवार को ग्रामीण आंदोलन पर उतर आए। मुराईडीह व शताब्दी परियोजना का कामकाज ठप कर दिया। परियोजना के होल रोड पर बैठ गए, जिससे ओबी ट्रांसपोर्टिंग बाधित हो गई। ब्लास्टिग भी रुक गई। ग्रामीण पानी बिजली व विस्थापन सहित मुआवजे की मांग कर रहे थे।

पीओ पीयुष कुमार, सेफ्टी अफसर रंजीत कुमार सिंह के दल बल के साथ प्रदर्शन स्थल पहुंचे और ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया। पानी बिजली काटे जाने से आक्रोशित ग्रामीणों का प्रबंधन को कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। ग्रामीण इतने उग्र हो उठे कि प्रबंधक वापस लौट गए। बरोरा पुलिस को भी ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा।

कोलियरी के अधिकारी परियोजना में ब्लास्टिग के बाद गांव में बिजली पानी की सुविधा बहाल करने तथा सोमवार को विधायक ढुलू महतो की उपस्थिति में वार्ता करने की बात कह रहे थे। ग्रामीण इतने उग्र थे कि वे लोग पानी बिजली चालू कर विधायक के साथ बैठक करने के बाद ही परियोजना में ब्लास्टिग करने की बात अडिग थे। प्रदर्शनकारियों में महिलाएं अधिक थीं। एक बजे के बाद बरोरा पुलिस की पहल पर प्रबंधन ने मंडल केंदुआडीह गांव में बिजली पानी की आपूर्ति बहाल कर दी। परियोजना से ग्रामीणों के बाहर निकलने के बाद प्रबंधन ने निचली फेस में ब्लास्टिग की।

क्या है मामला: मंडल केंदुआडीह गांव की जमीन के कारण मुराईडीह व शताब्दी परियोजना का विस्तार रुका हुआ है। प्रबंधन और गांव वालों के बीच कई बार बैठक हुई, लेकिन सहमति नहीं बनने से विस्थापन का मामला लटका हुआ है। स्थानीय प्रबंधन गांव की बिजली पानी सुविधा काटकर दबाव बनाकर उन्हें विस्थापित करना चाह रही है। इससे पूर्व भी कई बार गांव की बिजली-पानी करोका गया लेकिन गांव वालों के विरोध के कारण प्रबंधन को फिर से उसे बहाल करनी पड़ी थी। ग्रामीण सीएसआर के तहत पानी बिजली की मांग करते आ रहे हैं।

----------------------- ग्रामीणों कह रहे प्रबंधन कर रही जोर जबर्दस्ती

बाबु गोप ने कहा कि हमारी जमीन को मुराईडीह प्रबंधन चारों ओर से काटकर टापू बना दिया है। मुआवजा मांगने पर उल्टे मामले में फंसा देने की धमकी मिलती है। ललन यादव ने कहा कि मुराईडीह प्रबंधन की वजह से हमलोगों के जान को खतरा हो गया है। डीजीएमएस के कानून को ताक पर रखकर ब्लास्टिग की जा रही है। बच्चु गोप ने कहा कि हमने ब्लास्टिग नही रोका है। हम अपनी जमीन पर हैं। प्रबंधन हमें हमारे जमीन से हटाकर ब्लास्टिग करना चाहती है। डोली चौहान ने कहा कि प्रबंधन बिजली पानी बंद कर जबरदस्ती ब्लास्टिग करना चाहती है, जो गलत है।

दूधनाथ गोप का कहना है प्रबंधन दबाब बनाकर गांव को खाली कराना चाहती है। पर ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। हम ग्रामीण मरते दम तक इसका विरोध करेंगे। उचित मुआवजा और नियोजन मिलने पर ही गांव खाली किया जाएगा।

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