Satish Singh Murder Case: समर्थकों की माैजूदगी में विकास सिंह ने धनबाद कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, पुलिस को भनक तक नहीं लगी
19 अगस्त 2020 को भाजपा नेता सतीश सिंह को बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के विकास नगर के पास दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई थी। घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई थी। सतीश धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा के लिए कोलयरी क्षेत्रों में काम करता था।
विधि संवाददाता, धनबाद। भाजपा विधायक राज सिन्हा के करीबी सतीश सिंह को सरेआम गोली मारने के मामले में मास्टरमाइंड कहे जाने वाले विकास सिंह ने शनिवार को धनबाद कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। वरीय अधिवक्ता जया कुमार की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अर्जुन साव की अदालत ने विकास सिंह को चौदह दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। विकास की अग्रिम जमानत की अर्जी उच्च न्यायालय से भी खारिज हो चुकी थी। अदालत से राहत नहीं मिलती देख पुलिस दबाब से परेशान विकास ने सरेंडर कर दिया। अधिवक्ता जया कुमार ने बताया कि जमानत अर्जी बाद में दायर की जाएगी। वहीं दूसरी ओर विकास सिंह के दर्जनों समर्थकों की भीड़ जेल गेट पर जमी रही। भीड़ बढ़ती देख मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जेल गेट से विकास के समर्थकों को हटाया ।
विकास सिंह और सतीश सिंह ( फाइल फोटो)।
दिनदहाड़े हुई थी हत्या
19 अगस्त 2020 को भाजपा नेता सतीश सिंह को बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के विकास नगर के पास दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई थी। घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई थी। पुलिस ने दावा किया है कि घटना के दिन बाबू राजा जिस बाइक पर बैठा था उसे उत्तम चला रहा था। बाबु ने ही सतीश को गोली मारी थी। दूसरी बाइक पर सतीश साव पीछे बैठा था जिसे बलियापुर निवासी कृष्णा दास चला रहा था। योजना के अनुसार अगर बाबू राजा की गोली से भाजपा नेता बच जाते तो सतीश साव उन्हें गोली मारता।
विकास सतीश ने रची थी हत्या की साजिश
पुलिस के मुताबिक केंदुआ डीह थाना क्षेत्र के कुस्तौर के रहने वाले भाजपा के केंदुआ मंडल के उपाध्यक्ष सतीश कुमार सिंह की हत्या विकास सिंह और सतीश साव ने करवाया है। हत्या की सुपारी पांच लाख रुपए में दी गई थी। ये दोनों इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड और मुख्य साजिशकर्ता हैं।
विधायक राज सिन्हा के थे करीबी
सतीश सिंह धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा के करीबी थे। कोलियरी क्षेत्र और आउटसोर्सिंग कंपनियों में सतीश सक्रिय थे। इस कारण कई लोगों से उनकी दुश्मनी हो गई थी।
आत्मसपर्पण के दाैरान समर्थक थे उपस्थित
धनबाद के अंबिकापुरम निवासी विकास सिंह समर्थकों के साथ आत्मसमर्पण करने पहुंचे थे। कोर्ट में बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचे थे। लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी। आत्मसमर्पण के बाद जेल गेट में समर्थकों का हुजूम बढ़ा तो पुलिस ने खदेड़ दिया।