Satish Singh Murder Case: कोर्ट में पलट गई पुलिस की कहानी, विकास ने पुलिस पर लगाया इनकाउंटर की धमकी का आरोप
सतीश सिंह हत्याकांड में विकास सिंह के आत्मसमर्पण के बाद बैंक पुलिस ने रिमांड पर लिया था। पूछताछ के दाैरान पुलिस के सामने विकास ने स्वीकार किया था कि हत्या मैंने करवाई। हत्या का कारण भी बताया। अब कोर्ट में आवेदन देकर नई कहानी बताई है।
विसं, धनबाद। रिमांड अवधि के दौरान पुलिस ने कनपटी पर पिस्टल सटाकर इनकाउंटर कर देने की धमकी दी तथा दस बारह सादे कागजों पर जबरन दस्तखत करा लिया। शक है कि पुलिस इन कागजों का इस्तेमाल बाद में कर सकती है। यह आरोप भाजपा नेता सतीश सिंह हत्या कांड के आरोपित विकास ङ्क्षसह ने लगाया है। कोर्ट को दिए बंदी आवेदन में विकास ने कहा कि यही कारण है वह रिमांड से पहले अपना ब्यान कोर्ट में दर्ज कराना चाहता था। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अर्जुन साव के आदेश पर विकास सिंह को न्यायिक हिरासत में 24 जुलाई को जेल भेजा गया था। 27 जुलाई को पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर विकास सिंह को 48 घंटे के पुलिस रिमांड में लेकर गई थी।
3 को जमानत अर्जी पर होगी सुनवाई
विकास सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता जया कुमार ने अदालत में जमानत अर्जी दायर की है। जमानत अर्जी में अधिवक्ता ने कहा है कि अभियुक्तों के स्वीकारोक्ति बयान के अलावा विकास सिंह के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं है। पुलिस को इस मामले में आरोप पत्र दायर करने का अधिकार नहीं था, क्योंकि डीआइजी के आदेश पर अनुसंधान के लिए एसआइटी का गठन हुआ था। हत्या से पूर्व ही पुलिस ने जब्ती सूची बना ली थी। मामले में इसकी कोई संलिप्तता नहीं है। अधिवक्ता जया ने बताया की जमानत अर्जी पर सुनवाई तीन अगस्त को होगी।
सतीश को विकास ने बनाया
रिमांड पर पूछताछ के बाद यह बात सामने आई थी कि विकास सिंह ने सतीश सिंह हत्याकांड की बात स्वाकार की है। पुलिस ने मीडिया को जानकारी दी थी। विकास ने कहा था कि सतीश को उसने खड़ा किया। हर तरह से मदद की। आउटसोर्सिंग कंपनियों से मोटी रकम की वसूली होने लगी तो सतीश ने छिटने लगा। वह मांगने पर भी रंगदारी में हिस्सेदारी नहीं दे रहा था। इसलिए उसकी हत्या करवा दीष