वट सावित्री दस को, कपडे़-ज्वेलरी की दुकानें बंद होने से महिलाएं नाखुश

वट सावित्री व्रत में अब बस तीन दिन शेष है। महिलाएं पति की दीर्घायु और परिवार में सुख-शाति के लिए व्रत करने को बेहद उत्सुक हैं। तैयारी भी कर रही हैं। हर महिला को खूबसूरत दिखने की चाह है। हालाकि लॉकडाउन में महिलाओं की उम्मीदें पूरी होती नहीं दिख रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 06:20 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 06:20 AM (IST)
वट सावित्री दस को, कपडे़-ज्वेलरी की दुकानें बंद होने से महिलाएं नाखुश
वट सावित्री दस को, कपडे़-ज्वेलरी की दुकानें बंद होने से महिलाएं नाखुश

जागरण संवाददाता, धनबाद : वट सावित्री व्रत में अब बस तीन दिन शेष है। महिलाएं पति की दीर्घायु और परिवार में सुख-शाति के लिए व्रत करने को बेहद उत्सुक हैं। तैयारी भी कर रही हैं। हर महिला को खूबसूरत दिखने की चाह है। हालाकि लॉकडाउन में महिलाओं की उम्मीदें पूरी होती नहीं दिख रही है। संजने-संवरने के लिए कपड़े तथा ज्वेलरी की दुकानें इन दिनों लॉकडाउन के कारण बंद है। जिस कारण महिलाएं कपड़े व गहने की खरीदारी करने से वंचित हैं। महिलाओं में इसे लेकर नाराजगी भी जाहिर की है। मंदिर के कपाट भी बंद : कोरोना के कारण शहर के मंदिर के कपाट भी बंद हैं। हर वर्ष अधिकतर महिलाएं पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचती हैं। इस बार ऐसा देखने को नहीं मिलेगा। महिलाओं को इस बार वट सावित्री पूजा करने के लिए परेशानी होगी। शहर की अधिकतर महिलाएं इस बार घर पर ही पूजा करेंगी। लॉकडाउन के कारण बढ़ी सामान की दर : लॉकडाउन के कारण वट सावित्री में उपयोग होने वाले सामान की दुकानें बंद है। बाहर से भी बहुत कम सामान आ रहे हैं। खरीदारी करने में परेशानी तो हो ही रही है साथ ही सामान की दर में वृद्धि हो गई है। खुद से मेहंदी और मेकअप कर रही महिलाएं : वट सावित्री के मौके पर अगर हाथों में मेहंदी ना रची हो तो महिलाओं का श्रृंगार अधूरा रह जाता है। शहर में कई जगह पर मेहंदी व लेडीज पार्लर की दुकानें हैं। लेकिन कोरोना के भय के कारण महिलाएं घर से निकलना नहीं चाहती और घर पर बुलाकर ही मेकअप व मेहंदी लगा रही हैं। इसके लिए उन्हें अधिक फीस भी चुकानी पड़ रही है। कपड़े व ज्वेलरी की दुकानें बंद होने के कारण खरीदारी करना बेहद मुश्किल हो गया है। इस कारण इस बार सादगी से पुराने कपड़े में ही पूजा करनी पड़ेगी।

-मालती, बाड़ामुड़ी लॉकडाउन के कारण बाजार में पहले के पुराने सामान है। बाहर से भी बेहद कम सामान आ रहे हैं, जिस कारण कई सामानों की दर में वृद्धि हो गई है।

-सुधा, नवाडीह

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