कई टीकाकरण केंद्र एक माह से बंद, लोगों में नाराजगी

जागरण संवाददाता धनबाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से जिले के कई टीकाकरण केंद्रों पर टीका लगाने का काम बंद पड़ा हुआ है। इसकी शिकायत किए जाने के बाद भी कोई कारवाई नहीं होने से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसे लेकर वहां के स्थानीय लोगों ने शनिवार को उपायुक्त सिंह के पास शिकायत की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 06:20 AM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 06:20 AM (IST)
कई टीकाकरण केंद्र एक माह से बंद, लोगों में नाराजगी
कई टीकाकरण केंद्र एक माह से बंद, लोगों में नाराजगी

जागरण संवाददाता, धनबाद : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से जिले के कई टीकाकरण केंद्रों पर टीका लगाने का काम बंद पड़ा हुआ है। इसकी शिकायत किए जाने के बाद भी कोई कारवाई नहीं होने से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसे लेकर वहां के स्थानीय लोगों ने शनिवार को उपायुक्त सिंह के पास शिकायत की। जिसके बाद उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द इन केंद्रों पर टीकाकरण शुरू कराने का निर्देश दिया। वहीं इस बाबत पूछे जाने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वैक्सीन की कमी को इसका कारण बता रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यालय से ही पर्याप्त मात्रा में टीका की आपूर्ति नहीं की जा रही है। जिसके कारण उपलब्ध टीका की मात्रा को समानुपातिक तरीके से ज्यादा जरूरतवाले केंद्रों को दी जा रही है। जैसे ही टीका की आपूर्ति सुचारू हो जाएगी, सभी केंद्रों को टीका की आपूर्ति होने लगेगी। दरअसल केंद्रों के बंद होने की जानकारी उस समय सामने आई जब तोपचांची और लोयाबाद से जुड़े सामाजिक और आर्थिक संगठनों के पदाधिकारियों ने उपायुक्त से इसकी शिकायत की। जिसपर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारी को बंद पड़े टीका केंद्रों को चालू कराने का आदेश दिया। लोयाबाद चैंबर के सचिव सुनील पांडेय ने बताया कि कनकनी स्थित हेल्थ एंव वेलनेस सेंटर का टीका केंद्र पिछले एक महीने से बंद पड़ा हुआ है। इस केंद्र से वार्ड सात व आठ की लगभग 40 हजार की आबादी जुड़ी हुई है। लेकिन टीकाकरण नहीं होने से यहां के रहने वाले लोगों को दूसरी जगह जाकर टीका लेना पड़ रहा है। इसी तरह तोपचांची में वैक्सीनेशन बंद होने से लगभग 30 हजार की जनसंख्या को परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई वैसे लोग हैं, जिन्होंने पहली डोज तो ले ली है, लेकिन दूसरी के लिए उन्हें यहां-वहां भटकना पड़ रहा है।

chat bot
आपका साथी