Dhanbad BJP Politics: गुरु-चेले में टशन का संगठन पर दिखने लगा असर, भाजयुमो में समानांतर कमेटी की नाैबत
भारतीय जनता युवा मोर्चा महानगर कार्यसमिति को लेकर इन दिनों भाजपा में घमासान मची हुई है। विवाद तब शुरू हुआ जब भाजयुमो महानगर अध्यक्ष अमलेश सिंह ने झरिया नगर धनबाद प्रखंड व धनबाद सदर युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्षों की घोषणा नहीं की। मामले को लंबित रख दिया।
धनबाद, जेएनएन। लोकसभा चुनाव- 2024 अभी बहुत दूर है। पूरे तीन साल का समय है। लेकिन धनबाद भाजपा में अभी से इसकी तैयारी शुरू हो गई। झारखंड प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष धनबाद के सांसद पीएन सिंह के राजनीतिक शिष्य रहे विधायक राज सिन्हा की आंतरिक मंशा लोकसभा में पहुंचने की है। इसके लिए धनबाद के विधायक राज ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इसे लेकर सांसद पीएन सिंह और विधायक राज सिन्हा में अंदर ही अंदर टशन शुरू हो गया है। हालांकि इस मुद्दे पर दोनों सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहते हैं। दूसरी तरफ दोनों के समर्थक संगठन में एक-दूसरे के रास्ते में टांग अड़ा रहे हैं। इससे धनबाद भाजपा में किचकिच बढ़ता ही जा रहा है। ताजा मामला भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्षों की घोषणा को लेकर है।
सांसद के भतीजे ने विधायक समर्थकों को भाजयुमो में मारी लंगड़ी
भारतीय जनता युवा मोर्चा महानगर कार्यसमिति को लेकर इन दिनों भाजपा में घमासान मची हुई है। विवाद तब शुरू हुआ जब भाजयुमो महानगर अध्यक्ष अमलेश सिंह ने झरिया नगर, धनबाद प्रखंड व धनबाद सदर युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्षों की घोषणा नहीं की। मामले को लंबित रख दिया। इन तीनों मंडलों में पार्टी के मंडल अध्यक्ष विधायक समर्थक माने जाते हैं। उन्होंने इसे महानगर समिति की चुनौती के रूप में लिया, ठीक उसी दिन अपने स्तर से अपने-अपने मंडलों में युवा मोर्चा अध्यक्षों की घोषणा कर दी। इससे विवाद और बढ़ गया। माना जा रहा था कि मामला सलट जाएगा लेकिन अब महानगर अध्यक्ष अमलेश सिंह ने घोषणा कर दी है की वह भाजपा के मंडल अध्यक्ष द्वारा घोषित युवा मोर्चा अध्यक्ष को मान्यता नहीं देंगे। बल्कि वह अभी भी इन मंडलों को रिक्त मानकर चल रहे हैं और अपने स्तर से अध्यक्ष की घोषणा करेंगे। इंसके मुताबिक भाजपा के मंडल अध्यक्षों को यह अधिकार ही नहीं है। वह मोर्चा के काम में दखलंदाजी करें। कायदे से उनसे तीन नामों की सूची मांगी गई थी जो उन्होंने दी। उनका काम पूरा हो गया है। आगे का काम मेरी ओर से होना है।
समानांतर कमेटी से अनुशासन तार-तार
अमलेश के मुताबिक किसी को हक नहीं है अध्यक्ष बनाने की। इस सवाल पर कि दो अध्यक्ष होने से समानांतर कमेटी बन जाएगी। उन्होंने कहा कि वह मान ही नहीं रहे कि कोई कमेटी बनी हुई है। इधर धनबाद सदर मंडल अध्यक्ष निर्मल प्रधान की माने तो नियमानुसार मंडल अध्यक्षों को ३ नाम देना पड़ता है। उन्ही तीन में से जिलाध्यक्ष किसी एक को चुनते हैं। ऐसा नहीं करने पर भाजपा के मंडल अध्यक्षों को यह अधिकार है कि वह अपने किसी भी मंच-मोर्चा के पदाधिकारी को चुने। नियम के तहत उन्होंने प्रदेश कमेटी से पूछ कर मंडल अध्यक्षों की घोषणा की है। प्रधान के मुताबिक जब उन्होंने कार्यकर्ताओं की सूची भेज दी थी, तब फिर अपने मन से उसे लंबित करने का क्या औचित्य था। आगे संगठन के काम में परेशानी भी हो रही थी।
तय हो रहा काैन-किधर
सांसद पीएन सिंह और विधायक राज सिन्हा के बीच अब पहले जैसे संबंध नहीं रहे। इस कारण भाजपा में समर्थक भी खेमे में बंटते जा रहे हैं। इस खींचतान के बीच यह तय हो गया है कि महानगर भाजपा में 2 स्पष्ट गुट बन गए हैं। इनमें अमलेश सिंह को पीएन सिंह व महानगर अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह समर्थक माना जाता है। जबकि नितेश महतो, निर्मल प्रधान आदि विधायक राज सिन्हा समर्थक हैं।