National Clean Air Programme: ताकि सांस लेने लायक बची रहे धनबाद की हवा, प्रदूषण के लिए जिम्मेदारों से वसूला जाएगा भारी जुर्माना

National Clean Air Programme नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत धनबाद से अगले दो वर्षों में वायु प्रदूषण 20 से 30 फीसद कम करने का लक्ष्य रखा गया है। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके लिए बीसीसीएल समेत उन तमाम संस्थानों पर नकेल कसने की तैयारी की है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 15 Jul 2021 07:35 AM (IST) Updated:Thu, 15 Jul 2021 11:48 AM (IST)
National Clean Air Programme: ताकि सांस लेने लायक बची रहे धनबाद की हवा, प्रदूषण के लिए जिम्मेदारों से वसूला जाएगा भारी जुर्माना
देश से सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार धनबाद ( फाइल फोटो)।

आशीष सिंह, धनबाद। देशभर के चुने शहरों में प्रदूषण का स्तर कम करने के उद्देश्य से शुरू किए गए राष्ट्रीय शुद्ध वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत अब प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार कंपनियों के अधिकारियों से भारी -भरकम जुर्माना वसूलने की तैयारी की गई है। यह रकम प्रतिदिन 30 से 60 हजार रुपये तक हो सकती है। केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय ने दो साल पहले इस कार्यक्रम को देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों को प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से कार्यक्रम शुरू किया था। अब इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाया जा रहा है। ग्रीन पीस इंडिया के सर्वेक्षण में देश के सबसे प्रदूषित शहर घोषित किए गए धनबाद में भी अब प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कंपनियों और प्रदूषण रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से जुर्माना वसूलने की तैयारी की गई है। कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी बीसीसीएल और सीसीएल समेत कई कंपनियों को झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके लिए नोटिस भेजा है। हाल ही में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बीसीसीएल के भौंरा एरिया पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

दो साल में 20 से 30 फीसद प्रदूषण कम करने का लक्ष्य

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत धनबाद से अगले दो वर्षों में वायु प्रदूषण 20 से 30 फीसद कम करने का लक्ष्य रखा गया है। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके लिए बीसीसीएल समेत उन तमाम संस्थानों पर नकेल कसने की तैयारी की है। कोयला कंपनियों के अलावा धनबाद में स्थित संस्थान आइआइटी-आइएसएम और सिंफर को इसकी निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा नगर निगम को भी नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत मिले 52 करोड़ रुपये प्रदूषण नियंत्रण पर खर्च करना है। अगर ये संस्थान प्रदूषण नियंत्रण में विफल रहते हैैं तो इन संस्थानों के अधिकारियों से भी भारी-भरकम जुर्माना वसूलने की व्यवस्था बनाई गई है। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में पिछले दिनों जुर्माना वसूलने से संबंधित प्रस्ताव पारित हो चुका है। अब इसका अनुपालन किया जा रहा है। निगरानी करने वाले संस्थानों के क्रियाकलापों का अध्ययन करने के बाद उनपर दो साल बाद जुर्माना लगाया जाएगा।

प्रदूषण कम करने के लिए इस योजना पर करना है काम

बीसीसीएल को अपने सभी एरिया में पाल्यूशन कंट्रोल मेजरमेंट सिस्टम लगाना है। - धूलकण का आकलन कर इसका डाटाबेस सीपीसीबी की वेबसाइट पर अपलोड करनी है। - धूल कण रोकने के लिए वाटर स्प्रिंकलर मशीन का प्रयोग। - अपने क्षेत्रों के अलावा महत्वपूर्ण छह जगहों पर फाउंटेन की स्थापना। - ओबी डंप वाली जगहों पर इको रेस्टोरेशन का काम। - सड़कों के किनारे-किनारे पौधरोपण। - कोलियरियों से ट्रांसपोर्टिंग की स्थिति, वैकल्पिक व्यवस्था और तमाम अन्य उपाय। - पीएम 10 और पीएम 2.5 दोनों का स्तर सुधारने के लिए मानिटङ्क्षरग सिस्टम की खरीदारी।

बढ़ते प्रदूषण की वजह से बीसीसीएल क्षेत्र में रह रहे लोगों का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। लोग फेफड़े के कैंसर, ब्लड कैंसर, बीपी, किडनी संबंधित बीमारियों के शिकार हो रहे हैैं। बीसीसीएल को अपने क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच और समुचित इलाज की व्यवस्था समय-समय पर करनी चाहिए। रोटरी व लायंस क्लब, चैंबर आफ कामर्स और अन्य सामाजिक संस्थाओं तथा आम नागरिकों के साथ बड़े पैमाने पर पौधारोपण करने का प्रयास करना चाहिए। बोर्ड बैठक में कार्ययोजना बनाकर काम करने का निर्देश बीसीसीएल को दिया गया है। अगले दो वर्षों में 30 फीसद तक प्रदूषण कम करना है। जो अधिकारी इसमें सहयोग नहीं करेंगे उनपर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा।

- राजीव शर्मा, सदस्य झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

हम लोग धनबाद नगर निगम के साथ मिलकर धूलकण को साफ करने की योजना पर काम कर रहे हैं। डस्ट मैनेजमेंट के लिए कई सारे उपकरण की खरीद प्रक्रिया पाइपलाइन में है। बीसीसीएल धनबाद में प्रदूषण को लेकर काफी गंभीर है और हर हाल में दिया गया लक्ष्य पूरा करेगी। पौधरोपण भी हर साल किया जा रहा है। इस बार इसकी संख्या में बढ़ोतरी की गई है।

- कुमार रंजीव, महाप्रबंधक पर्यावरण बीसीसीएल, धनबाद।

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