कुछ जमी नहीं Jharkhand Police की कहानी, हेमंत सरकार को गिराने की साजिश में तारबूज बिक्रेता, दिहाड़ी मजदूर और बेरोजगार

Conspiracy Against Hemant Govt निवारण के भाई अरुण ने कहा है-उसके भाई को यह बोलकर पुलिस वाले ले गए कि पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा। वह बोकारो सिटी थाना अपने भाई को खोजते हुए गया। यहां कुछ देर बाद अमित व उनके भाई को पुलिस लेकर पहुंची।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 07:51 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 06:51 PM (IST)
कुछ जमी नहीं Jharkhand Police की कहानी, हेमंत सरकार को गिराने की साजिश में तारबूज बिक्रेता, दिहाड़ी मजदूर और बेरोजगार
हेमंत सरकार को गिराने की साजिश में गिरफ्तार तारबूज विक्रेता निवारण महतो ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, बोकारो। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने बोकारो से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों की आर्थिक हैसियत विधायकों को खरीद-फरोख्त करने जैसी नहीं है। जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें दो बोकारो के हैं। पुलिस कार्रवाई पर आरोपितों के स्वजन सवाल उठा रहे हैं। एक निवारण महतो दुंदीबाद बाजार में कभी सब्जी तो कभी तारबूज बेचा करता है। चिटाही के मूल निवासी निवारण विस्थापित इलाके के सामाजिक कार्यों में शामिल भी रहा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में हिदुस्तान आवाम मोर्चा सेक्यूलर से चुनाव लड़ा था। इसे एक हजार नौ मत मिले थे।

 

शपथ के अनुसार निवारण की वार्षिक आय 2.85 लाख

चुनाव के समय दिए गए शपथ पत्र में निवारण ने वर्ष 2019-2020 में अपनी वार्षीय आय दो लाख 85 हजार रुपये बताई थी। बताया था कि उसके नाम एक ट्रक है। यह ट्रक श्री राम फाइनेंस से कर्ज लेकर वह खरीदा है। इधर निवारण के भाई अरुण ने जागरण को दूरभाष पर बताया कि पिता कैलाश चंद्र महतो की मौत 26 मई को हो गई थी। तीन भाईयों में निवारण सबसे बड़े हैं तो दूसरे भाई का नाम मदन और तीसरे भाई वह हैं। वह भाई निवारण के साथ ही सेक्टर बारह के आवास में रहते हैं। भाई निवारण दुन्दीबाद में फल बेचते हैं। 22 तारीख की रात सेक्टर बारह, सिटी थाना पुलिस ने उनके आवास का दरवाजा खटखटाया। थानों की पुलिस के साथ डीएसपी भी थे। 

भाई ने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की

निवारण के भाई अरुण ने कहा है-उसके भाई को यह बोलकर पुलिस वाले ले गए कि पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा। वह सिटी थाना अपने भाई को खोजते हुए गए। यहां कुछ देर बाद अमित व उनके भाई को पुलिस अलग-अलग वाहनों में लेकर पहुंची। उन्हें अपने भाई से मिलवाया गया। यहां सीसीटीवी कैमरा भी लगा था। अगर कैमरे की फुटेज को खंगाला जाए तो इसमें स्पष्ट वह और उनके भाई के अलावा अमित दिख जाएगा। उनके भाई को बोकारो से गिरफ्तार कर पुलिस रांची ले गई और यहां यह कह दी कि एक होटल से उसे गिरफ्तार किया गया। बताया कि वह कमाने खाने वाले परिवार के लोग हैं। उनके भाई पर गलत आरोप लगा है। 

अमित दिहाड़ी मजदूर, ठेका कंपनी में करता काम

साजिश में गिरफ्तार दूसरा आरोपित अमित सिंह स्वयं एक दिहाड़ी मठेका कंपनी में मजदूरी करता है। जबकि उसके पिता मदन सिंह सेक्टर बारह मोड़ पर एक होटल है। झोपड़ी नुमा होटल वह चलाते हैं। पिता मदन सिंह ने बताया कि बेटा अमित प्लांट में एक ठेका कंपनी में मजदूरी करता है। वह बोकारो स्टील के रेलवे इंजन में सहायक का काम करता है। घर वालों के अनुसार प्लांट में कार्यरत अमित को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया और फर्जी तरीके से यह बता दिया कि उसकी गिरफ्तारी रांची के एक होटल से हुई है। मदन सिंह का कहना है कि किसी दुश्मनी से उनके बेटे को फंसाया जा रहा है। पलामू के हुसैनाबाद क्षेत्र के जपला निवासी अभिषेक कुमार दुबे भी साधारण परिवार से है। उसके पिता ब्रजेश दुबे की देवरी कलां गांव में जनवितरण प्रणाली के दुकानदार हैं। घरवालों के अनुसार ग्रेजुएशन करने के बाद वह रांची के रातू रोड क्षेत्र में रहकर काम की तलाश कर रहा था। तीनों के स्वजनों ने पुलिस पर तीनों को झूठे आरोप में फंसाने का आरोप लगाया है।

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