DMC में छापा के बाद मेयर के दो बॉडीगार्ड क्लोज, शेखर का तंज-कहीं बदले में न बीत जाए पांच साल

एसएसपी किशोर काैशल ने गुरुवार देर रात मेयर अग्रवाल के दो बॉडीगार्ड वापस बुला लिए। मेयर को चार बॉडीगार्ड मिले थे। एसएसपी ने तर्क दिया है कि आवश्यकता से ज्यादा बॉडीगार्ड मिले थे।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 28 Feb 2020 09:09 AM (IST) Updated:Fri, 28 Feb 2020 02:29 PM (IST)
DMC में छापा के बाद मेयर के दो बॉडीगार्ड क्लोज, शेखर का तंज-कहीं बदले में न बीत जाए पांच साल
DMC में छापा के बाद मेयर के दो बॉडीगार्ड क्लोज, शेखर का तंज-कहीं बदले में न बीत जाए पांच साल

धनबाद, जेएनएन। झारखंड में सत्ता बदली के बाद झामुमो गठबंधन सरकार के निशाने पर भाजपा और भाजपा के नेता हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 26 फरवरी, 2020 को धनबाद नगर निगम (DMC) और रांची नगर निगम (RMC) में छापा मारा था। हालांकि छापा के दाैरान ACB के हाथ कुछ खास नहीं लगे। इस दाैरान रांची की मेयर आशा लकड़ा और धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने छापेमारी को बदले की कार्रवाई करार दिया था। साथ ही छापेमारी की प्रक्रिया को लेकर कुछ सवार भी उठाए थे। यह हेमंत सरकार को नागवार गुजरा है। मुख्यमंत्री ने छापेमारी के दाैरान दोनों मेयर की भूमिका की रिपोर्ट तलब की है। दूसरी ओर धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल के दो बॉडीगार्ड गुरुवार देर रात क्लोज कर दिए गए।अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नजदीकी भाजपा नेताओं में शुमार किए जाते थे। 

धनबाद के एसएसपी किशोर काैशल ने गुरुवार देर रात मेयर अग्रवाल के दो बॉडीगार्ड वापस बुला लिए। मेयर को चार बॉडीगार्ड मिले हुए थे। वापस करने के पीछे एसएसपी ने तर्क दिया है कि स्वीकृति से ज्यादा बॉडीगार्ड दिए गए थे। अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नजदीकी भाजपा नेताओं में शुमार किए जाते थे। इस कार्रवाई को झारखंड में सत्ता बदली के नजरिए से देखा जा रहा है। मेयर ने कहा है कि उनकी जान को खतरा है। कुछ भी हुआ तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिम्मेदार होंगे। 

अग्रवाल ने कहा है कि राजनीति में सत्ता बदलती रहती है। बदले की भावना से कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भाजपा राज में जहां तक झारखंड का विकास हुआ वहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आगे बढ़ना चाहिए। अगर बदले की भावना से कार्रवाई करते रहेंगे तो इसी में पांच साल बीत जाएगा। न झारखंड भला होगा और न ही यहां के लोगों का। 

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