झारखंड की सभ्यता व संस्कृति की पहचान है टुसू, इसे बचाने के लिए हर वर्ग को आना होगा आगे: इंद्रजीत महतो
झारखंड की सभ्यता और संस्कृति का पहचान है टुसू। इसको बचाने के लिए सभी वर्ग को आना होगा। उक्क्त बातें सिंदरी विधायक इंदजीत महतो ने बिनोद ग्राम विकास केंद्र द्वारा राजगंज के कारीटांड़ मैदान मेंआयोजित टुसू महोत्सव में कहा।
राजगंज, जेएनएन: झारखंड की सभ्यता और संस्कृति का पहचान है टुसू। इसको बचाने के लिए सभी वर्ग को आना होगा। उक्क्त बातें सिंदरी विधायक इंदजीत महतो ने बिनोद ग्राम विकास केंद्र द्वारा राजगंज के कारीटांड़ मैदान मेंआयोजित टुसू महोत्सव में कहा।
इन्होंने कहा कि विकट परिस्थिति सामने आ खड़ा हुआ है। झारखंडी संस्कृति लुप्त होने के कगार में है। टुसू एक प्राचीन सभ्यता है। पूर्व में समाज के लोगो के सहयोग से यह पर्व उत्साहित होकर मनाते थे। लेकिन अब यह धीरे धीरे सीमित होते जा रहा है।
इसलिए अपना संस्कृति को बचाने के लिए युवा सहित अन्य सभी वर्ग को आगे आने का जरूरत है। इन्होंने मांग किया कि झारखंड का संस्कृति, सभ्यता, एवं भाषा की रक्षा के लिए सरकार को सार्थक पहल करना चाहिए। क्योंकि वर्तमान सरकार जल,जंगल,जमीन का रक्षा की बात करती है। इन्होंने बिनोद ग्राम विकास केंद्र को प्रसंसा करते हुए कहा कि विकट परिस्थिति में टुसू महोत्सव का आयोजन कर मिशाल कायम किया।
टुसू महोत्सव से राजगंज के गल्लीकुल्ही, मधुगोडा,कारीटांड़, दलदली,बरवाडीह के कुल 14 टीमो ने हिस्सा लिया। महिला वर्ग आकर्षक चौडल को प्रदर्शित किया। प्रतिभागी टीम द्वारा टुसू गीत प्रस्तुत किया।
महोत्सव में शामिल हुए सभी प्रतिभागियों को केंद्र द्वारा नगद राशि एवं प्रस्सति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
अवसर पर केंद्र प्रमुख शंकर किशोर महतो, विधायक पुत्र राहुल कुमार महतो, सांसद प्रतिनिधि गिरधारी महतो, रामप्रसाद महतो, नुना राम महतो, रेवती रमन,कौशल्या देवी, गीता देवी, चुन्नी लाल अग्रवाल, शंकर महतो, हुबलाल महतो, हीरालाल महतो, महेश महतो आदि उपस्थित थे।