DMC Elections: चुनाव की घोषणा से पहले ही राजनीतिक दलों के अंदर खिंच गईं तलवारें, सबसे ज्यादा मारामारी कांग्रेस-भाजपा में
कांग्रेस में पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक शमशेर आलम रवींद्र कुमार वर्मा मदन महतो बीके प्रसाद मनोज यादव आदि प्रमुख ऐसे नाम हैं जो अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। अंतिम निर्णय कांग्रेस हाईकमान को ही लेना है। जिन्हें टिकट नहीं मिला वो विरोध का झंडा थाम सकता है।
आशीष सिंह, धनबाद। गाछे कटहल ओठे तेल यानी काम होने से पहले ही फल पाने की इच्छा। अभी यह तय नहीं हुआ धनबाद नगर निगम का चुनाव दलीय आधार पर होगा या गैर दलीय। फिर भी नगर निगम चुनाव में शह और मात का खेल शुरू हो चुका है। मेयर की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होते ही सभी अपनी गोटियां सेट करने में लग गए हैं। भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद, आजसू, जदयू समेत समय कई छोटे दल भी दो-दो हाथ करने को आतुर हैं। नगर निगम चुनाव अगर निर्दलीय हुआ तो वाकई चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है। अगर दलीय आधारित चुनाव हो जाता है तो भी कुछ तो सत्ता पाने की डगर पर आगे बढ़ जाएंगे, लेकिन कई जो इतने दिनों से तैयारी कर रहे थे मन मसोसकर रह जाएंगे। लगभग हर पार्टी में कई ऐसे लोग हैं जो मेयर और डिप्टी मेयर पद की दावेदारी पेश कर रहे हैं। सबसे दिलचस्प लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के अंदरखाते में है।
भाजपा से निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल एक बार फिर से ताल ठोक रहे हैं। इन्हीं की पार्टी से भृगुनाथ महतो, राजकुमार अग्रवाल, अंकेश राज भी चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं। दलीय हुआ तो भाजपा अपने विनिंग कैंडिडेट पर भाग्य आजमाएगी। कई लोग हट जाएंगे तो कई लोग विरोध में निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस की बात करें तो पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक, शमशेर आलम, रवींद्र कुमार वर्मा, मदन महतो, बीके प्रसाद, मनोज यादव आदि प्रमुख ऐसे नाम हैं जो अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। अंतिम निर्णय कांग्रेस हाईकमान को ही लेना है। जिन्हें टिकट नहीं मिला वो इस बार विरोध का बिगुल बजाने को भी तैयार बैठे हैं।
झामुमो के दिनेश महतो और आजसू के जिलाध्यक्ष भी मेयर बनने की तैयारी कर रहे हैं। राजद से सुरेश प्रसाद यादव मेयर पद के लिए चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। पार्टी आधार पर चुनाव हुआ तो झामुमो, कांग्रेस और राजद में से कोई एक ही उम्मीदवार होगा। ऐसे में कईयों के सपने चकनाचूर हो जाएंगे। कांग्रेस को उम्मीद है कि शहर में कांग्रेस का जनाधार झामुमो से अधिक है, इसलिए यह सीट उन्हें ही मिलेगी। कांग्रेस के खाते में अगर मेयर की सीट जाती है तो डिप्टी मेयर झामुमो का तय है। यह सब दलीय और निर्दलीय आधार पर चुनाव की घोषणा के बाद ही तय होगा। 2015 में भाजपा के चंद्रशेखर अग्रवाल चुनाव जीतकर मेयर और एकलव्य सिंह डिप्टी मेयर बने थे।