Gajlitand Mine Mishap: 1995 में आज ही के दिन 79 मजदूरों ने ली थी जलसमाधि, श्रद्धांजलि देते आंखें हुईं नम

गजलीटांड़ हादसा 26 सितंबर को 26 वां वर्ष पूरा हो जाएगा। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी हादसे से जुड़े कई पहलु अनसुलझे हैं। 25 सितंबर 1995 की काली रात गजलीटांड़ कोलियरी सहित बीसीसीएल के लिए प्रलयंकारी रात बन कर आई थी।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:35 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 11:35 AM (IST)
Gajlitand Mine Mishap: 1995 में आज ही के दिन 79 मजदूरों ने ली थी जलसमाधि, श्रद्धांजलि देते आंखें हुईं नम
गजलीटांड में शहीद खनिकों को श्रद्धांजलि देते मजदूर नेता और बीसीसीएल के अधिकारी ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, धनबाद/ कतरास। कोल इंडिया और भारत में खनन के इतिहास में आज का दिन एक काला अध्याय के समान है। 26 सिंतबर, 1995 को कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई बीसीसीएल की गजलीटांड कोलियरी में पानी भर गया था। इस हादसे में 79 खनिकों ने जलसमाधि ली थी। आज गजलीटांड खदान हादसे की बरसी मनाई जा रही है। रविवार को शहीद खनिकों के स्वजन, बीसीसीएल के आला अधिकारी, श्रमिक संगठनों के नेता, जनप्रतिनिधियों ने शहीद स्तंभ पर पुष्प पर चढाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। सर्वधर्म प्रार्थना सभा व कुरान तथा विष्णु सहस्रनाम पाठ किया गया। स्नेह स्मृति उपवन में पौधारोपण किया गया तथा दो मिनट मौन रखकर शहीद कर्मियों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।

श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित मुख्य लोग

श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, डीटी चंचल गोस्वामी, डीपी पीवीकेआर मल्लिकार्जुन राव, जीएम एके सिंह, एपीएम सुरेंद्र भूषण, पीओ रामानुज प्रसाद, पीएम पीएन सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक परियोजना मोहन मुरारी, राकोमसं के महामंत्री एके झा, जेबीसीआई के सदस्य केपी गुप्ता, बिंदेश्वरी प्रसाद, बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार झा, बीसीकेयू के महामंत्री हलधर महतो, शकील अहमद, भोला राम, रमेश विश्वकर्मा, जयदेव पांडेय, श्री भगवान सिंह, सुरेंद्र प्रसाद, छोटू सिंह, गौतम मंडल, अशोक लाल, रामचंद्र पासवान, शिव प्रसाद महतो, ठाकुर महतो, बिनोद कुमार सिंह आदि शामिल थे।

26 वर्ष हो गया पूरा

गजलीटांड़ हादसा 26 सितंबर को 26 वां वर्ष पूरा हो जाएगा। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी हादसे से जुड़े कई पहलु अनसुलझे हैैं। 25 सितंबर 1995 की काली रात गजलीटांड़ कोलियरी सहित बीसीसीएल के लिए प्रलयंकारी रात बन कर आई थी। गजलीटांड़ सहित अन्य जगहों के 79 कोल कर्मी काल कवलित हुए थे। सिर्फ गजलीटांड़ कोलियरी के छह नंबर भूमिगत खदान के 10 नंबर सिम में 64 श्रमिकों ने जल समाधि ली थी। कतरी नदी का तटबंध टूटने से छह नंबर भूमिगत खदान में कार्य कर रहे 64 मजदूर काल के गाल में समा गए थे। उस दिन 331 मिलीमीटर बारिश हुई थी। नदी में पानी पूरे उफान पर था। इतनी बड़ी घटना की सूचना पर तत्कालीन कोयला मंत्री जगदीश टाइटलर, पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा, तत्कालीन सीएमडी जीसी मृग सहित कई जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। 26 सितंबर की सुबह गजलीटांड़ में हाहाकार मच गया था।

मुखर्जी कमेटी ने की थी जांच

जस्टिस एस मुखर्जी की अध्यक्षता में मुखर्जी कमिशन/कोर्ट आफ इंक्वाइरी का गठन हुआ था। इसके एससेर इंटक के तत्कालीन महामंत्री स्व. राजेंद्र प्रसाद सिंह और भारतीय खनिज विद्या पीठ के प्रोफेसर एस. मजूमदार बनाए गए थे। लंबी अवधि तक कार्रवाई चली लेकिन अंतिम नतीजा आज तक सामने नहीं आ सका और घटना का रहस्य इतिहास के पन्नों में दबकर रह गया। शहीद कर्मियों की याद में स्थानीय लोगों के द्वारा प्रत्येक वर्ष फुटबाल टूर्नामेंट का आयोजन कराया जाता है। 26 सितंबर की सुबह से कुरान व गीता की पाठ के साथ सर्वधर्म प्रार्थना सभा तथा श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाती है। बीसीसीएल के वरीय अधिकारियों, यूनियन प्रतिनिधि, समाजसेवी के अलावा जनप्रतिनिधियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। शहीद स्तंभ पर शहीद श्रमिकों के स्वजन के अलावा अन्य लोग भी श्रद्धांजलि देने आते हैं। इस बार भी वही परंपरा दोहराई जाएगी लेकिन इस हादसे का दोषी कौन था, इसपर से पर्दा इस बार भी नहीं उठ सकेगा।

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