छेड़खानी की कीमत एक लाख... दुमका में आदिवासी पंचायत ने युवक को दी आर्थिक दंड की सजा

ठाड़ीहाट गांव के बाहर बहियार के पास प्रमोद ने नाबालिक का साइकिल रोक कर उसका हाथ पकड़ लिया। इसके बाद नाबालिक युवक से पीछा छुड़ाकर अपने गांव पहुंची और घरवाले को सारी बात बता दी। घरवाले ने घटना की जानकारी पूरे गांव वाले को दी।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 12:52 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 01:14 PM (IST)
छेड़खानी की कीमत एक लाख... दुमका में आदिवासी पंचायत ने युवक को दी आर्थिक दंड की सजा
दुमका में आदिवासी पंचायत ( सांकेतिक फोटो)।

संवाद सहयोगी, रामगढ़(दुमका)। रामगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत बरमसिया पंचायत के धावाटांड़ गांव में शुक्रवार की रात ठाड़ीहाट पंचायत के मरनाडीह गांव के एक युवक प्रमोद कापरी पर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए उसके चाचा मुरारी कापरी से एक लाख नगद जुर्माना वसूला। शुक्रवार की रात भर चली पंचायती में शनिवार की सुबह लगभग चार बजे मामले में फैसला हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार धावाटांड़ गांव के एक नाबालिग प्रतिदिन ठाड़ीहाट ट्यूशन पढ़ने जाती थी। इस दौरान प्रमोद कापरी अक्सर नाबालिक पर बुरी नजर डालता था। इसको लेकर ट्यूशन के शिक्षक ने भी कई बार युवक को समझाया था। शुक्रवार को भी नाबालिक लगभग 10 बजे ठाड़ीहाट से ट्यूशन पढ़कर अपने घर लौट रही थी।

ठाड़ीहाट गांव के बाहर बहियार के पास प्रमोद ने नाबालिक का साइकिल रोक कर उसका हाथ पकड़ लिया। इसके बाद नाबालिक युवक से पीछा छुड़ाकर अपने गांव पहुंची और घरवाले को सारी बात बता दी। घरवाले ने घटना की जानकारी पूरे गांव वाले को दी। इसके बाद गांव वाले काफी आक्रोशित हो गए। शुक्रवार को संध्या चार बजे गांव के दर्जनों लोग बाइक पर सवार होकर युवक के घर उसे ढूंढने पहुंचे। लेकिन युवक प्रमोद कापरी अपने घर में नहीं था। इसके बाद सभी ग्रामीण युवक के चाचा मुरारी कापरी के दुकान पर पहुंचे। मुरारी से भी युवक के बारे में पूछताछ किया। इसके बाद ग्रामीणों ने मुरारी कापरी से मारपीट करना प्रारंभ कर दिया। पहले ग्रामीणों ने मुरारी कापरी का मोबाइल छीन लिया। मारपीट करते हुए उसे जबरन अपनी बाइक पर बैठाकर गांव ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया। यह खबर आस-पास के गांव में आग की तरह फैल गई।

आदिवासी समुदाय के सैकड़ों लोग जमा होने लगे। किसी ने पुलिस को भी सूचित कर दिया। पुलिस भी गांव के आसपास पहुंचकर मामले की जानकारी ली। लेकिन ग्रामीण गांव में प्रवेश करने के मार्ग पर बैरियर लगा दिया ताकि गांव में कोई भी बाहरी लोग प्रवेश नहीं कर पाए। समझौता के लिए केवल चार लोगों को गांव में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। जिसमें गांव के ग्राम प्रधान, बरमसिया पंचायत के मुखिया, ठाड़ीहाट तथा कुशियाम गांव का एक-एक व्यक्ति शामिल है। काठीकुंड प्रखंड से भी कई लोग पहुंच गए। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण के जुट जाने के कारण रात 10 बजे से खुले मैदान में पंचायती का दौर चला। ग्रामीणों तो पहले युवक प्रमोद कापरी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। इसके बाद समझौता के तौर पर ग्रामीणों ने 11 लाख रुपया जुर्माना मांगा। पंचायती करते-करते सुबह चार बज गए। आखिरकार एक लाख में मामला तय हुआ। इसके बाद ग्रामीणों ने मुरारी

कापरी का मोबाइल देते हुए उसे रिहा कर दिया। वहीं इस मामले में रामगढ़ थाना प्रभारी रूपेश कुमार ने बताया कि उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी नहीं है। अभी तक पीड़ित पक्ष या नाबालिक के पक्ष दोनों में से कोई भी थाने में मामले की जानकारी नहीं दिया है फिर भी पुलिस अपने स्तर से मामले की पड़ताल कर रही है। यदि कोई भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेकर कोई काम करता है तो इसकी जानकारी पीड़ित पक्ष को अवश्य थाना में देना चाहिए। कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है।

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