BCCL: नियमाें को दरकिनार कर लोदना क्षेत्र में हो रही कोयला ट्रांसपोर्टिंग, महाप्रबंधक से की शिकायत

कोयला ट्रांसपोर्ट करने के लिए पेलोडर और हाइवा गाड़ी का इस्तेमाल करना है लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनी नियम को ताक पर रखकर पोकलेन और स्कैनिया से ट्रांसपोर्ट कर रही है। यह गलत है। विभागीय कोयला उत्पादन में लगे मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:58 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:58 AM (IST)
BCCL: नियमाें को दरकिनार कर लोदना क्षेत्र में हो रही कोयला ट्रांसपोर्टिंग, महाप्रबंधक से की शिकायत
बीसीसीएल में कोयले का परिवहन ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। बीसीसीएल का लोदना एरिया इस समय लगातार विवादों में है। कुछ दिन पहले ही एनटी-एसटी आउटसोर्सिंग कंपनी में लगभग नौ दिन तक ट्रक लोडिंग के इंतजार में खड़े रहे। बीसीसीएल प्रबंधन भी आंख मूंदे रहा। लोडिंग रुकने की वजह रंगदारी न देना था। डीओ होल्डर और दैनिक जागरण में समाचार प्रकाशित होने के बाद आखिरकार लोडिंग शुरू हो गई। अब एक बार फिर से यह एरिया सुर्खियों में है। इस बार राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ लोदना क्षेत्र के सचिव धर्मेद्र कुमार सिंह ने लोदना क्षेत्र में आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा नियम को ताक पर रखकर कोयला ट्रांसपोर्टींग करने की शिकायत की गई है।

धमेंद्र कुमार ने लोदना क्षेत्र के महाप्रबंधक को लिखे पत्र में कहा है कि लोदना क्षेत्र में आउटसोर्सिंग कंपनी नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। सचिव ने तो यह भी आरोप लगाया कि महाप्रबंधक को इस बात की जानकारी भी है, फिर भी कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। नियमानुसार लोदना क्षेत्र में एटी देवप्रभा अविनाश के नाम से कोयला उत्पादन कर रही है और एटी देवप्रभा को 6-9 नंबर साइडिंग में ट्रांसपोर्ट करने का काम भी मिला है। कोयला ट्रांसपोर्ट करने के लिए पेलोडर और हाइवा गाड़ी का इस्तेमाल करना है, लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनी नियम को ताक पर रखकर पोकलेन और स्कैनिया से ट्रांसपोर्ट कर रही है। यह गलत है। विभागीय कोयला उत्पादन में लगे मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है।

उत्पादन होने वाला कोयला डीओ धारक को देने के लिए अवैध तरीके से स्टॉक किया जा रहा है। इसे रात में आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालक पोकलेन और स्कैनिया से साइडिंग में लेकर चले जाते हैं, ताकि डीओ धारक को कोयला नहीं मिले और कोयला के लिए कंपनी से संपर्क करें। इसका उद्देश्य कोयला का मुंहमांगा दाम वसूलना है। धर्मेंद्र कुमार सिंह ने महाप्रबंधक से इस अनियमितता पर रोक लगाने की मांग की है। विभागीय उत्पादित कोयला को साइडिंग भेजने से रोकने की बात कही है। ताकि डीओ धारक को कोयला अलाटमेंट के अनुसार मिले और लोडिंग मजदूरों को भी काम मिले।

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