बीसीसीएल में शून्य खान दुर्घटना पर जोर, ग्राउंड स्तर पर दिया जा रहा प्रशिक्षण

श्रमिकों को खान दुर्घटना की घटना को चल चित्र के माध्यम से भी दिखाकर उसके रोकथाम के लिए भी बताया जा रहा है। ताकि खान दुर्घटना की घटना को शून्य किया जा सके। पांच साल में कोल इंडिया में करीब 499 खान दर्घटना घटी है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 11:55 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 11:55 AM (IST)
बीसीसीएल में शून्य खान दुर्घटना पर जोर, ग्राउंड स्तर पर दिया जा रहा प्रशिक्षण
खान दुर्घटना कम करने पर जोर ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। खान दुर्घटना में कमी लाने की दिशा में कोयला कंपनियों में अब हर स्तर पर तैयारी की जा रहा । श्रमिकों को खान दुर्घटना की घटना को चल चित्र के माध्यम से भी दिखाकर उसके रोकथाम के लिए भी बताया जा रहा है। ताकि खान दुर्घटना की घटना को शून्य किया जा सके। पांच साल में कोल इंडिया में करीब 499 खान दर्घटना घटी है। इसमें करीब 205 श्रमिकों की जान गई है। बीसीसीएल में 40 घटना में 18 श्रमिक की मौत हुई। बीसीसीएल सेफ्टी विभाग की टीम ने वीटीसी बरोरा, बरोरा क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत कर दी है। वीटीसी बरौरा, बरौरा क्षेत्र में पर्यवेक्षकों के संरचनात्मक प्रशिक्षण सुरक्षा समिति के सदस्यों पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन सीमावर्ती पर्यवेक्षकों (ओवरमैन, खनन सरदार, फोरमैन (विद्युत और यांत्रिक)), विद्युत पर्यवेक्षकों और बरोड़ा और ब्लॉक 2 क्षेत्रों की खान स्तरीय सुरक्षा समितियों के सदस्यों के लिए किया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 26 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया,। इसमें विभागीय 21 (एएमपीसी - 15, दामोदा - 02, एबीओसीपी - 04) और संविदात्मक 5 (एएमपीसी (यूजी) - 01, एबीओसीपी - 04) श्रमिकों ने हिस्सा लिया। किशोर यादव वरीय प्रबंधक (खनन) द्वारा सुरक्षा से संबंधित मामलों, डीजीएमएस, एसओपी, एसएमपी के नवीनतम परिपत्रों और सुरक्षित कार्य प्रक्रिया और दुर्घटना/घटना विश्लेषण और उनकी रोकथाम पर एक मंथन सत्र पर भी चर्चा हुई। ), आईएसओ, मुख्यालय, बीसीसीएल। यह कार्यक्रम सहभागियों के विकास और इसलिए खानों में सुरक्षा और उत्पादकता की संस्कृति को बढ़ाने के लिए इंटरैक्टिव और उपयोगी था।

यादव ने कहा कि श्रमिकों को स्वंय रिस्क एससेमेंट करने की आदत हो जाएगी तो घटना स्वयं होगी। इसलिए घटना के संकेत या आभास होने पर स्वयं आकलन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हर एरिया में विशेष प्रशिक्षण का कार्यक्रम श्रमिकों को बीच चलाया जाएगा।

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