Coal India: उत्पादन के साथ डिस्पैच पर निजी कंपनियों का होगा एकाधिकार ! इसकी आहट में मजदूर संगठन आंदोलन के मूड में

कोयला सेक्टर का जिस उद्देश्य के साथ सरकारी करण किया गया था मौजूदा केंद्र सरकार उससे पूरी तरह भटक गई है। देश के विकास में कोयला सेेक्टर की अहम भूमिका है। ऐसे में इसका निजी संचालन करना पूरी तरह से राष्ट्र व उद्योग हित के खिलाफ है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 12:56 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 10:14 PM (IST)
Coal India: उत्पादन के साथ डिस्पैच पर निजी कंपनियों का होगा एकाधिकार ! इसकी आहट में मजदूर संगठन आंदोलन के मूड में
कोयले की परिवहन नीति में बदलाव की तैयारी ( प्रतीकात्मक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। कोल सेक्टर में निजी कंपनियों को ओर जोर दिया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। कोल इंडिया में उत्पादन व डिस्पैच को बढ़ावा देने के लिए निजीकरण को बढ़ावा देगी सरकार। इसके संकेत कोयला मंत्री प्रह्ललाद जोशी नेे दिया है। राज्यसभा में दिए गए जवाब में इसका उल्लेख किया है। इधर श्रम संगठन को विश्वास में लिए बिना कोयला मंत्रालय व कोल इंडिया प्रबंधन एक तरफा निर्णय ले रही है। सरकार ने कोयला उत्पादन व डिस्पैच को निजी क्षेत्रों में देने को लेकर प्लान पर काम शुरू कर दिया है। कोयला मंत्रालय ने 141 कोयला ब्लाक को निजी हाथों में आवंटन करने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें दो दौर की नीलामी भी पूरी हो चुकी है।

कोल इंडिया की बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल, एनसीएल, डब्ल्यूसीएल समेत विभिग इकाइयों में आउटसोर्सिंग कंपनियों के द्वारा कोयला खनन का काम किया जा रहा है। लेकिन इसमें ओर भी छूट देने का प्लान है। निजी कंपनियों को पूरी तरह से अपने हिसाब से काम करनेे की छूट मिल जाएगी जो मौजूदा समय में प्रबंधन अपने पास रखती है।

श्रम संगठन ने किया विरोध

कोयला सेक्टर का जिस उद्देश्य के साथ सरकारी करण किया गया था मौजूदा केंद्र सरकार उससे पूरी तरह भटक गई है। देश के विकास में कोयला सेेक्टर की अहम भूमिका है। ऐसे में इसका निजी संचालन करना पूरी तरह से राष्ट्र व उद्योग हित के खिलाफ है। सभी को एकजुटता के साथ विरोध करना चाहिए।

-मानस चटर्जी , सचिव सीटू

कोल इंडिया काफी मुनाफा में है। विपरीत परिस्थिति में भी कोल इंडिया ने देश के विकास में आगेे बढ़ कर काम किया है। कोयला उद्योग को निजी हाथों में देना सरासर गलत है। कोयला उद्योग के मजदूरों को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए। कोयला सेक्टर को बचाना हैै तो सभी को एक छत के नीचे आकर आंदोलन करने की जरूरत है।

-केपी गुप्ता , बीएमएस

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