CBSE National Topper: देश में पहला स्‍थान पाने वाली Dhanbad की अद‍ित‍ि को पंसद है डोरेमान...टॉपरों से जान‍िए टॉपर बनने की ट‍िप्‍स

खुद का पर्सनल मोबाइल भी नहीं है। स्कूल से असाइनमेंट आता भी था तो मां के वाट्सएप पर। इंस्टाग्राम टि्वटर फेसबुक जैसे इंटरनेट मीडिया पर तो कभी अकाउंट बनाने का सोचा ही नहीं। सिर्फ एक चीज अदिति को खूब पसंद है

By Atul SinghEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:58 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 09:29 AM (IST)
CBSE National Topper: देश में पहला स्‍थान पाने वाली Dhanbad की अद‍ित‍ि को पंसद है डोरेमान...टॉपरों से जान‍िए टॉपर बनने की ट‍िप्‍स
अद‍ित‍ि व मनीष सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में देश में पहला स्‍थान प्राप्‍त क‍िया। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

आशीष/श‍श‍ि, धनबाद: धनबाद की अद‍ित‍ि व मनीष सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में संयुक्‍त रूप से देश में पहला स्‍थान प्राप्‍त कर कोयलांचल को गौरवांव‍ित क‍िया है। अदिति को फिल्म देखना पसंद नहीं है, सास बहू टाइप के सीरियल तो बोर करते हैं। यूट्यूब पर कभी सर्चिंग की ही नहीं। खुद का पर्सनल मोबाइल भी नहीं है। स्कूल से असाइनमेंट आता भी था तो मां के वाट्सएप पर। इंस्टाग्राम, टि्वटर, फेसबुक जैसे इंटरनेट मीडिया पर तो कभी अकाउंट बनाने का सोचा ही नहीं। सिर्फ एक चीज अदिति को खूब पसंद है, वो है कार्टून देखना।

शिनचैन की शरारतें और डोरेमोन के गैजेट्स के साथ नोबिता को देखना अदिति को बहुत भाता है। मंगलवार को घोषित सीबीएसई के दसवीं के परिणाम में 99.8 फीसद अंक हासिल कर नेशनल टाॅपर बनने वाली चिरागोड़ा धनबाद की अदिति झा को कार्टून देखना पसंद है।

 

अपने मात-प‍िता व भाई के साथ अद‍ित‍ि। (जागरण)

दिल्ली पब्लिक स्कूल की छात्रा अदिति को पांच विषयों में से चार विषय संस्कृत, गणित, सामाजिक विज्ञान एवं आइटी में 100 अंक मिले हैं। एक विषय अंग्रेजी में 99 अंक मिला। कंप्यूटर साइंस ब्रांच लेकर इंजीनियरिंग करने का सपना है। बड़ा भाई अभिनव चंद्र एसएमआइटी से बीटेक कर रहा है। प्रेरणा भाई से ही मिली है। पिता चंदानंद झा का मेडिसन का बिजनेस है और मां रिंकी झा गृहणी हैं। अदिति अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, पूरे परिवार और स्कूल के शिक्षकों को देती हैं। कार्टून देखने के पीछे तर्क दिया कि कभी-कभी कार्टून कैरेक्टर भी बहुत कुछ सिखा जाते हैं। सीरियल, फिल्म, इंटरनेट मीडिया से बेहतर कार्टून देखना है।

तनाव कम करने के लिए अपनों से बात

अदिति कहती हैं कि उन्होंने कभी पढ़ाई का प्रेशर नहीं लिया। हमेशा रूटीन बनाकर ही पढ़ाई की। सबसे अहम पढ़ाई को कभी समय में नहीं बांधा। एक टाॅॅपिक शुरू किया तो उसे खत्म करके ही दूसरा टाॅॅपिक हाथ में लिया। जब भी अधिक पढ़ाई का तनाव होता था तो उसे कम करने के लिए अपने घर वालों से बात कर लिया करती थी। कभी-कभी ड्राइंग में भी हाथ आजमा लेती। डायरी लिखने का शौक है, खाली समय में यही साथी है। हाल फिलहाल गिटार सीखना शुरू किया है।

ऑफलाइन प्री बोर्ड में भी आए थे इतने ही अंक

दसवीं की परीक्षा ऑनलाइन ली गई थी। इससे पहले स्कूल स्तर पर ऑफलाइन प्री बोर्ड की परीक्षा हुई थी। अदिति को प्री बोर्ड में भी मंगलवार को जारी हुए फाइनल परिणाम के बराबर ही अंक मिले। अदिति कहती हैं प्री बोर्ड में मिले नंबर के आधार पर उम्मीद थी कि फाइनल में भी इतने ही अंक आ जाएंगे। नेशनल टापर बन जाउंगी, इसकी उम्मीद नहीं थी। बहुत खुशी हो रही है।

सक्सेस मंत्र

अदिति कहती हैं कि अपनी पढ़ाई रेगुलर करते रहें। पांच-छह, जितने भी घंटे पढ़ें मन लगाकर। एक्सट्रा बुक के पीछे मत भागें। एनसीईआरटी की किताबें काफी हैं। इसके हर चैप्टर पर फोकस करें। सबसे अहम पढ़ाई को कभी भी समय में न बांधें।

देश के टॉपर मनीष ने दी मन से पढ़ने की सलाह 

 

मांं व प‍िता जी के साथ मनीष। (जागरण)

अद‍ित‍ि के साथ धनबाद के ही मनीष कुंडु सीबीएसई की दसवीं बोर्ड परीक्षा में 99.8 प्रत‍िशत अंक के साथ नेशनल टॉपर बने। मनीष कुंडुु सीबीएसई की दसवीं बोर्ड परीक्षा में 99.8 फीसद अंक प्राप्त कर दिल्ली पब्लिक स्कूल के मनीष कुंडु स्टेट में टॉपर होने का गौरव हासिल किया है। मनीष ने घंटे के हिसाब से पढ़ाई नहीं की जो भी पढ़ा, उस पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित किया। शिक्षकों के मार्गदर्शन का पूरा पालन करता था।

विषय को गंभीरता से समझने के बाद उसी अनुरूप तैयारी की। सिलेबस का पूरा ध्यान रखा और प्रश्नों के पैटर्न को समझा। मनीष ने कहा कि एनसीईआरटी के बगैर बोर्ड परीक्षा में सफलता नहीं पाया जा सकता है। बेकाबांध शंकर नगर के रहने वाले मनीष के पिता तापस कुमार कुंडु रेलवे गोमो में स्टेशन मैनेजर हैं।

माता अपर्णा दास कुंडु गृहणी हैं। मनीष अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को देते हैं। मेरा मानना है कि सेल्फ स्टडी सबसे बेहतर। पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखा था। मूड फ्रेश करने के लिए वह कुछ देर टीवी देखं लेते थे। पढ़ाई को बोझ न समझ कर इसका आनंद लें। ज्यादा पढऩे के स्थान पर जितना पढ़ें, मन लगाकर पढ़ें।

सक्सेस मंत्र: जब खुद का मन करे तब पढ़ो, लेकिन जितना पढ़ें मन लगाकर पढ़ें।

तनाव दूर करने के लिए सुंदरम सुनते थे धीमा संगीत

सुंदरम पांडेय। (फाइल फोटाे)  

जागरण संवाददाता, धनबाद: सुंदरम पांडेय की पारिवारिक पृष्ठभूमि इंजीनियरिंग की नहीं है, फिर भी सुंदरम का सपना इंजीनियर बनने का है। इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा में एडमिशन भी ले लिया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी में भी हाथ आजमाने की ख्वाहिश है। दसवीं के घोषित परिणाम में सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल नवाडीह के छात्र सुंदरम पांडेय 99.6 फीसद अंक लाकर जिले के सेकेंड टापर बने हैं। स्टेट के टाप टेन में भी जगह मिली है। सुंदरम को विज्ञान, गणित और कंप्यूटर एप्लीकेशन में 100, अंग्रेजी-सामाजिक विज्ञान में 99 अंक मिला है। चिरागोड़ा निवासी सुंदरम के पिता मनोज कुमार पांडेय रिचुघूटा लातेहार में स्टेशन मैनेजर और मां गुड़िया कुमारी गृहिणी हैं।

अपने माता-प‍िता व भाई के साथ सुंदरम। (जागरण) 

 हर दिन पांच से घंटे की पढ़ाई करने वाले सुंदरम बताते हैं कि रात में कभी पढ़ाई नहीं की। सुबह-सुबह ही उठ जाया करते थे। खाली समय में किताबें पढ़ने का शौक है। पढ़ाई का तनाव कम करने के लिए हमेशा धीमा संगीत सुना करते थे। किसी भी इंटरनेट मीडिया पर अकाउंट नहीं है। वाटसएप का प्रयोग भी इधर लाकडाउन में आनलाइन क्लास के असाइनमेंट के लिए शुरू किया। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों को देते हैं। सुंदरम बताते हैं कि स्कूल के निदेशक अमरेंद्र कुमार सिंह और प्राचार्य रविप्रकाश तिवारी ने कई बार मुश्किल घड़ी में काफी मदद की। आने वाली पीढ़ी के लिए संदेश देते हैं कि पढ़ाई में किसी भी तरह का गैप न करें। कोशिश करें कि कोई भी क्लास मिस न हो। अभिभावकों ने काफी सहयोग किया।

डॉक्‍टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती श‍िखा

धनबाद ज‍िले की तीसरी टॉपर श‍िखा। (जागरण)

जागरण संवाददाता, धनबाद : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के दसवीं के परिणाम में डीएवी पब्लिक स्कूल कोयला नगर की छात्रा शिखा को 99.4 फीसद अंक हासिल हुआ है। अपने इस प्रदर्शन के बदौलत शिखा ने जिले में तीसरा स्थान प्राप्त किया। सीएमपीएफ में कार्यरत पिता लालबाबू कुमार और मां सविता कुमारी को अपनी इस होनहार बेटी पर गर्व है। शिखा बताती हैं कि उनके अभिभावकों का सपना है कि बेटी डाक्टर बने। इसलिए वह डॉक्‍टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती है। बायोलाजी पसंदीदा विषय है, यह भी डाक्टर बनने का एक कारण है। शिखा बताती हैं कि पांच से छह घंटे पढ़ाई करती थी। ज्यादातर पढ़ाई शाम में ही होती थी, क्योंकि सुबह आनलाइन क्लास रहती थी। शिखा को गिटार बजाना बेहद पसंद है।

अपने माता-प‍िता व भाई के साथ श‍िखा। (जागरण )

तनाव दूर करने के लिए अक्सर गिटार बजाया करती थी। इंटरनेट मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाए रखा। वाट्सएप का प्रयोग सिर्फ स्कूल से आने वाले लिंक और नोट्स के लिए ही करती थी। शिखा कहती हैं कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता है। मेहनत करते रहें। अपने गोल पर फोकस्ड रहें। शिक्षकों की बात सुनें और सबसे अहम एनसीईआरटी पर आधारित तैयारी लगातार करते रहें।

 इंजीन‍ियर बन आर्यन करना चाहता है भारत की सेवा

डीपीएस धनबाद  के छात्र आर्यन ने हास‍िल क‍िए 98 फीसद अंक। (जागरण) 

डीपीएस धनबाद के ही आर्यन ने सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में 98 प्रत‍िशत अंक हास‍िल कर अपने पर‍िवार का नाम रोशन क‍िया है। आर्यन ने अपनी सफलता का श्रेय अपने प‍िता सह धनबाद के एडीआरएम आशीष झा व मां प्राची झा को द‍िया है। आर्यन ने बताया क‍ि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। वह प्रत‍िद‍िन 5-6 घंटे की पढ़ाई करता था। आगे चलकर इंजीन‍ियर बन देश की सेवा करना की बात कही। बेटे की इस सफलता से माता-प‍िता दोनों प्रशन्‍नच‍ित है। बेहतर कल के ल‍िए शुभकामनाएं दी है।

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