60 विद्यार्थी से शुरू हुए बीआइटी सिदरी में आज 3300 छात्र
झारखंड के प्रतिष्ठित राजकीय अभियंत्रण संस्थान बीआइटी सिदरी का 17 नवंबर को 73
संस, सिदरी : झारखंड के प्रतिष्ठित राजकीय अभियंत्रण संस्थान बीआइटी सिदरी का 17 नवंबर को 73वां स्थापना दिवस है। आज ही के दिन 1949 में अविभाज्य बिहार की राजधानी पटना में बीआइटी की स्थापना हुई थी। स्थापना काल में मैकेनिकल, अभियंत्रण और इलेक्ट्रिकल अभियंत्रण ब्रांच के साथ पढ़ाई शुरू हुई थी। स्थापना के एक साल बाद 17 नवंबर 1950 को बीआइटी पटना को सिदरी स्थानांतरित किया गया। स्थापना काल में बीआइटी सिदरी में एक निदेशक, तीन प्रोफेसर और 60 विद्यार्थी थे। संस्थापक निदेशक प्रो डीएल देशपांडे थे। प्रो डीएल देशपांडे को इस संस्थान के विकास का आर्किटेक्ट माना जाता है। 73 वर्षों में बीआइटी सिदरी ने अनेक उतार-चढ़ाव का सामना किया। बावजूद इसके विकास की गति नहीं थमी। सात दशक में बीआइटी सिदरी में 10 ब्रांचों के अध्ययन की व्यवस्था हुई। 60 विद्यार्थियों से शुरू हुए इस तकनीकी संस्थान में आज 3300 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। बीटेक के अलावा एमटेक और पीएचडी की पढ़ाई होने लगी है।
यहां को एजुकेशन की भी व्यवस्था है। वर्तमान में डाक्टर डीके सिंह बीआइटी सिदरी के 18वें निदेशक हैं। डा. जेपी चौधरी, प्रो. एस प्रसाद, डा. केपी गुप्ता, डा. आर प्रसाद, डा. एचसी पांडेय, डा. आर प्रसाद, डा जे झा, डा. आरएन सहाय, डा. यूएन शरण, प्रो आइडीपी सिंह, डा. आरपी सिंह, डा. आरएन सिंह, डा. शिवजी सिंह, डा. आरपी शर्मा, डा. एसके सिंह, डा. यूके डे निदेशक रह चुके हैं। 73 वर्षों में बीआइटी सिदरी के पूर्ववर्ती छात्रों ने देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। बीआइटी सिदरी हर वर्ष अपने स्थापना दिवस पर पूर्ववर्ती छात्र समागम का आयोजन करता रहा है। 73 वें स्थापना दिवस पर बीआइटी सिदरी में 1973 बैच के पूर्ववर्ती छात्रों की एलुमिनाई मीट 21 नवंबर को प्रस्तावित है। कोरोना के वैश्विक संकट को देखते हुए पिछले दो सालों से बीआइटी सिदरी में बृहद स्तर पर स्थापना दिवस का आयोजन नहीं किया जा रहा है। निदेशक डाक्टर डीके सिंह और प्रशासनिक अधिकारी सह डीन एलुमनी अफेयर्स, प्रशिक्षण एवं नियोजन अधिकारी डाक्टर घनश्याम ने स्थापना दिवस पर अपने सहयोगियों, छात्रों को बधाई दी है।