Vishwakarma Puja 2021: आज कोयलांचल में विश्वकर्मा पूजा की धूम, जानें शुभ मुर्हूत और पूजा विधि

Vishwakarma Puja 2021 आज धनबाद कोयलांचल में भगवान विश्वकर्मा पूजा की धूम है। हर साल 17 सितंबर को जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि विश्वकर्मा भगवान ब्रह्मा के7वें पुत्र हैं। इन्होंने सृष्टि के निर्माण में ब्रह्मा जी का सहयोग किया था।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 01:27 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 01:36 PM (IST)
Vishwakarma Puja 2021: आज कोयलांचल में विश्वकर्मा पूजा की धूम, जानें शुभ मुर्हूत और पूजा विधि
दुनिया के पहले इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। हर साल 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। इस माैके पर धूम-धाम से पूजा की जाती है। आज 17 सितंबर है। धनबाद कोयलांचल में विश्वकर्मा भगवान की पूजा की धूम है। धनबाद औद्योगिक क्षेत्र है। इसलिए इस पूजा का विशेष महत्व है। कोयला खदानों से लेकर कल-कारखानों में विश्वकर्मा भगवान की पूजा की जा रही है। मान्यता है कि विश्वकर्मा ब्रह्मा के 7वें पुत्र हैं। इन्होंने सृष्टि के निर्माण में ब्रह्मा की जा सहयोग किया था। झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ का मंदिर है। यह ज्योतिर्लिंग है। इसके बारे में भी मान्यता है कि इसका निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया।

श्रमिकों में पूजा को लेकर उत्साह

हिंदू पंचाग के अनुसार भगवान विश्वकर्मा की जयंती कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस तिथि को इंजीनियरिंग संस्थानों, फैक्ट्रियों, कल-कारखानों व कामगारों समूहों द्वारा मशीनों, हथियारों व औजारों की पूजा की जाती है। इस दिन ये लोग भगवान विश्वकर्मा की विधि -विधान से पूजा करते हैं। इससे भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होकर उनपर अपनी कृपा बरसते हैं। मान्यता है कि उनकी कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति प्राप्त होती है। धनबाद के बीसीसीएल, ईसीएल, टाटा और सेल की खदानों के साथ ही हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड ( HURL) , मैथन पावर लिमिटेड, डीवीसी और अन्य निजी कल-कारखानों में धूम-धाम से भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जा रही है। 

भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

विश्वकर्मा पूजा 2021 के लिए शुभ मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 6:07 बजे से लेकर 18 सितंबर शनिवार को दोपहर 3:36 बजे तक है। यह जान लेना आवश्यक है कि 17 सितंबर को सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक राहुकाल है। यह राहुकाल कुल 1 घंटा 32 मिनट तक रहेगा। इस दौरान विश्वकर्मा पूजा न करें। क्योंकि ज्योतिष के अनुसार, राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। 

व्यापार और कारोबार में  होती तरक्की

विश्वकर्मा जयंती के दिन इनकी विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति होती है। कहा जाता है कि तकनीकी क्षेत्र से जुड़े जो भी लोग हर साल विश्वकर्मा जयंती पर इनके साथ अपने औजारों और अस्त्रों की पूजा करते हैं, उन्हें पूरे साल उनके हथियारों और औजारों से निर्वाध गति में कम करने में किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ता है।

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